CBI report will be investigated in Pakharo case of Corbett Tiger Reserve know what is whole matter कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो मामले में CBI रिपोर्ट की होगी जांच, जानिए क्या है पूरा मामला, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो मामले में CBI रिपोर्ट की होगी जांच, जानिए क्या है पूरा मामला

सीबीआई ने पाखरो में टाइगर सफारी के लिए बिना अनुमति काम, अवैध कटान और अवैध निर्माण को लेकर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सोमवार को प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को सौंप दी थी।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानWed, 30 April 2025 08:18 AM
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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो मामले में CBI रिपोर्ट की होगी जांच, जानिए क्या है पूरा मामला

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो मामले में सीबीआई की रिपोर्ट का राज्य सरकार अपने स्तर से परीक्षण कराएगी। इसके बाद ही सरकार रिपोर्ट में शामिल वन अधिकारियों पर अभियोजन की अनुमति सीबीआई को देगी।

इस मामले में अनुमति देने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी में अब तक रखे गए अपने पक्ष और विभिन्न एजेंसियों की जांच में सामने आए तथ्यों को भी आधार बना सकती है।

सीबीआई ने पाखरो में टाइगर सफारी के लिए बिना अनुमति काम, अवैध कटान और अवैध निर्माण को लेकर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सोमवार को प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को सौंप दी थी।

सूत्रों ने बताया कि इस रिपोर्ट में वर्तमान और रिटायर सहित कुल छह अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीबीआई ने सरकार से अनुमति मांगी है।

इस पूरे मामले में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्स सरकार सीबीआई की जांच रिपोर्ट का परीक्षण करेगी। इसके बाद ही अभियोजन की अनुमति दी जाएगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि रिपोर्ट में कुछ अफसरों को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है, जबकि कुछ एजेंसियों की जांच में इनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे।

यह है मामला

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी बननी थी। आरोप है कि वर्ष 2019 में इसका निर्माण बिना वित्तीय स्वीकृत्ति के शुरू कर दिया गया। पेड़ कटान और अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था, जिसमें अनियमितताएं सामने आईं। शिकायत हुई और विजिलेंस ने जांच शुरू की।

इसके बाद 2022 में विजिलेंस ने पूर्व डीएफओ किशनचंद और रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर मुकदमा दर्ज किया। आरोप था कि कालागढ़ डिविजन की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर 215 करोड़ रुपये बर्बाद किए गए।

इस पूरे मामले में तत्कालीन पीसीसीएफ को भी सरकार ने हटाया था। आरोप था कि तत्कालीन निदेशक की ओर से उनको कई पत्र लिखे गए। इसके बावजूद तत्कालीन पीसीसीएफ ने कार्रवाई नहीं की।

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