गाजियाबाद के 2,420 एकड़ में बसेगी सन सिटी, आवास-कॉम्प्लेक्स बनेंगे; DPR को मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सोमवार को हुई बैठक में उच्चस्तरीय समिति (हाई पावर कमेटी) ने सन सिटी की संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत 2,420 एकड़ में आवास और कॉम्प्लेक्स बन सकेंगे।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सोमवार को हुई बैठक में उच्चस्तरीय समिति (हाई पावर कमेटी) ने सन सिटी की संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत 2,420 एकड़ में आवास और कॉम्प्लेक्स बन सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार संशोधित डीपीआर पर आपत्ति और सुझाव मांगे जाएंगे। फिर इसका प्रस्ताव जीडीए बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने पर आगे का काम होगा।
हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत सोमवार को लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई। इसमें मैसर्स सन सिटी हाईटेक इंफ्रास्ट्रेक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड की संशोधित डीपीआर पर मंथन किया गया। जीडीए अधिकारी ने बताया कि सन सिटी द्वारा प्रस्तुत संशोधित डीपीआर 2,420 एकड़ में दी गई। प्रस्ताव पर उच्च स्तरीय समिति ने सनसिटी की हाईटेक टाउनशिप परियोजना के पुननिर्धारित क्षेत्रफल 2420.11 एकड़ पर मंजूरी दे दी।
जीडीए अधिकारी बताते हैं कि उच्च स्तरीय समिति की मंजूरी के बाद अब इस संशोधित डीपीआर पर आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे। जिनका निस्तारण करने के बाद यह संशोधित डीपीआर जीडीए बोर्ड बैठक में रखी जाएगी। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस योजना पर आगे काम हो सकेगा। इस पूरी प्रक्रिया में दो से तीन महीने तक लग सकते हैं।
कई योजनाएं आएंगी
संशोधित डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद बिल्डर क्षेत्र में विकास कार्य शुरू कर सकेगा। इसके बाद वहां आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं आ सकेंगी। जानकार बताते हैं कि यदि संशोधित डीपीआर पर काम आगे बढ़ेगा तो कई लोगों को अपना घर मिल सकेगा। यहां भूखंड समेत ग्रुप हाउसिंग बनेंगी। साथ ही कॉमर्शियल सेंटर भी विकसित होंगे। इससे लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
पूर्व में तय डीपीआर को निरस्त कर दिया गया था
हाईटेक सिटी नीति के तहत सनसिटी बसाने के लिए 4312 एकड़ जमीन पर डीपीआर स्वीकृत की गई थी, लेकिन बिल्डर किसानों से जमीन नहीं खरीद पाया। इसके बाद साल 2021 में 4312 एकड़ के बजाए 828 एकड़ जमीन पर संशोधित डीपीआर का प्रस्ताव पेश किया गया। इस जमीन में 372 एकड़ जमीन वह है, जो जीडीए द्वारा बिल्डर को अधिग्रहण और पुर्नग्रहण के जरिये मुहैया कराई गई है।
इस तरह संशोधित डीपीआर के क्षेत्रफल में 46 प्रतिशत वह जमीन शामिल थी जो पुर्नग्रहण और अधिग्रहण के जरिये मिली। इसीलिए कई माह पूर्व जीडीए बोर्ड ने संशोधित डीपीआर को निरस्त करने का निर्णय लिया गया था। सनसिटी को मिली 372 एकड़ जमीन को कुल डीपीआर के क्षेत्रफल के अनुपात में 25 प्रतिशत लाने के लिए डीपीआर का क्षेत्रफल बढ़ाने की शर्त लगाई गई थी। इसके बाद ये मामला उच्च स्तरीय समिति में गया। जहां से अब संशोधित डीपीआर को मंजूरी मिली है।