झारखंड के 125 आईटीआई संस्थानों में बंद हो सकते हैं कई ट्रेड, नामांकन पर रोक
झारखंड में आईटीआई संस्थानों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। कई प्रमुख ट्रेड्स में पिछले तीन वर्षों से एक भी नामांकन नहीं हुआ है, जैसे कि इलेक्ट्रिशियन और कम्प्यूटर ऑपरेटर। कौशल विकास मंत्रालय ने इन...

झारखंड सहित देशभर में आईटीआई संस्थानों की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। कई ट्रेड्स ऐसे हैं, जिनमें नामांकन के लिए विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं। लगातार छात्रों की कमी देखी जा रही है। इस कारण भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने इन ट्रेड्स को बंद करने का निर्णय लिया है। राज्य में ऐसे दो दर्जन से ज्यादा संस्थान हैं, जिनमें कुछ प्रमुख ट्रेड्स में एक भी नामांकन नहीं हुआ है। इलेक्ट्रिशियन, फीटर, डीजल मैकेनिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट जैसे प्रमुख कोर्स में बीते तीन वर्षों से एक भी एडमिशन नहीं हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा गया है।
अब इन संस्थानों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जिसके बाद ही यह तय होगा कि इन ट्रेड्स में आगे नामांकन की अनुमति दी जाए या नहीं। इन ट्रेड्स में शून्य नामांकन झारखंड में रांची, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और पलामू समेत अन्य जिलों में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, डीजल मैकेनिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट जैसे कोर्स में स्टूडेंट्स नहीं मिल रहे हैं। यहां एक भी नामांकन नहीं हो सका है। राज्य के 125 संस्थानों को नहीं मिल रहे विद्यार्थी राज्य के 125 संस्थानों को अलग-अलग ट्रेड्स में विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं। इनमें रांची के 35, पलामू के 23, सरायकेला-खरसावां के 12, पूर्वी सिंहभूम के 13, गोड्डा के 2, बोकारो के 12, पश्चिमी सिंहभूम के 20, कोडरमा के 8 संस्थान सहित 125 संस्थानों के इलेक्ट्रिशियन, फीटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, मैकेनिक डीजल, इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक जैसे ट्रेड में सीटें खाली जा रही हैं। 1 यूनिट में 20 सीटें, नहीं हो रहा एक भी एडमिशन नेशनल काउंसिल फॉर वोकशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के अनुसार, इन संस्थानों को एक या दो शिफ्ट में कोर्स संचालित करने की अनुमति है, जहां एक यूनिट में 20 सीटें निर्धारित हैं। लेकिन कई वर्षों से एक भी यूनिट में सीटें नहीं भर पा रही हैं। मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, देशभर के 669 आईटीआई में कुल 4718 यूनिट हैं, जिनकी करीब एक लाख सीटें (99,196) तीन वर्षों से खाली चल रही हैं। कोर्स की मान्यता रद्द करने का है प्रावधान एनसीवीटी के मुताबिक, 2 साल से ज्यादा शून्य एडमिशन होने पर संबंधित कोर्स की मान्यता रद्द करने का प्रावधान है। झारखंड के दो दर्जन से ज्यादा आईटीआई केंद्रों में 3 साल से इन कोर्स में शून्य एडमिशन हो रहा है। एनसीवीटी ने 2022-2024 तक शून्य एडमिशन वाले इन संस्थानों की सूची भी जारी की है और सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। डीजीटी ने संस्थानों से मांग जवाब मामले में डीजी ट्रेनिंग (डीजीटी) ने संबंधित ट्रेड की संबद्धता रद्द होने से पहले जवाब देने को कहा था। अब उनके जवाब की जांच के बाद डीजीटी द्वारा इनका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि इन संस्थानों में संबंधित कोर्स में सत्र 2025-26 के लिए एडमिशन जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं।
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