ड्रोन से सीड बॉल गिराकर पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल
विश्व पर्यावरण दिवस पर झारखंड के चांडिल वन क्षेत्र में ड्रोन की मदद से पौधरोपण की अनोखी पहल की गई। डीएफओ सबा आलम अंसारी के नेतृत्व में, बांस और फलदार पौधों के सीड बॉल्स गिराए गए। यह तकनीक कठिन भौगोलिक...

विश्व पर्यावरण दिवस पर झारखंड में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनोखी और तकनीकी पहल की गई। चांडिल वन क्षेत्र के कुशपुतुल पहाड़ी इलाके में पहली बार ड्रोन की मदद से पौधरोपण किया गया। इस अभिनव प्रयोग की शुरुआत चांडिल रेंज में की गई, जहां ड्रोन के जरिए बांस और फलदार पौधों के सीड बॉल्स गिराए गए। इस पहल की अगुवाई डीएफओ सबा आलम अंसारी ने की। उन्होंने बताया कि यह तकनीक विशेष रूप से उन स्थलों पर उपयोगी है, जहां सामान्य तरीके से पौधरोपण मुश्किल होता है। उबड़-खाबड़ और दुर्गम पहाड़ी इलाके में यह उपयोगी है। सीड बॉल्स मिट्टी से बने छोटे-छोटे गेंद होते हैं, जिनमें पौधों के बीज और आवश्यक पोषक तत्व मिलाकर तैयार किया जाता है।
ये बॉल्स वर्षा के मौसम में स्वतः अंकुरित होकर पौधों का रूप ले लेते हैं। वन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान ड्रोन तकनीक की मदद से 5 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। यह प्रयास न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में उपयोगी साबित होगा, बल्कि वन्यजीवों के लिए भोजन के स्रोत भी तैयार करेगा। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने कहा कि चांडिल क्षेत्र में हाथियों का जमावड़ा होता है। इसलिए उनके भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहाड़ों में फलदार पौधे लगाना जरूरी है। ड्रोन तकनीक की मदद से यह कार्य कम समय में और कठिन क्षेत्रों में भी संभव हो सका है।
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