इंटर की 12 हजार सीटें समाप्त, विद्यार्थियों का बोझ संभल नहीं पाएंगे प्लस टू स्कूल
पूर्वी सिंहभूम में 12,000 इंटर सीटें समाप्त कर दी गई हैं, जिससे 21,000 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है। सरकारी प्लस टू स्कूलों में सीमित सीटें हैं और साइंस संकाय का विकल्प भी उपलब्ध नहीं...

पूर्वी सिंहभूम में इंटर की 12 हजार सीटें समाप्त कर दी गई हैं। जिले के डिग्री कॉलेजों में पिछले साल तक संचालित इंटर की कक्षाओं में ये सीटें उपलब्ध थीं। अब राजभवन से आदेश आने के बाद इन सीटों को समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में अब सरकारी स्कूलों से 10वीं पास करने वाले विद्यार्थियों के पास जिले के 29 सरकारी प्लस टू स्कूलों का ही सहारा है। लेकिन समस्या यह है कि इन स्कूलों में ख़ुद ही अभी इतने विद्यार्थियों का बोझ झेलने की न तो क्षमता है और न ही संसाधन। अलबत्ता साइंस संकाय लेने का विकल्प भी अधिकतर प्लस टू स्कूलों में नहीं है।
ऐसे में इंटर में नामांकन के इंतजार में बैठे मैट्रिक पास विद्यार्थी उलझन में फंस गए हैं। जिले में इस साल बंद हो रहे इंटर कॉलेजों का कोई विकल्प तैयार नहीं है। इसका सीधा असर 21 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है। इंटर कॉलेजों में बढ़ जाएगा दबाव, बढ़ा कटऑफ जिले के इंटर कॉलेज, जैसे श्याम प्रसाद इंटर कॉलेज, जेकेएस कॉलेज, पटमदा इंटर कॉलेज और करीम सिटी इंटर कॉलेज में इंटर की ही पढ़ाई कराई जाती है। इसलिए वहां एडमिशन प्रक्रिया जारी है। इन कॉलेजों में भी कटऑफ अब दबाव बढ़ने से बढ़ गया है। करीम सिटी कॉलेज ने न्यूनतम 80% कटऑफ तय करते हुए 19 जून तक चयनित छात्रों की सूची जारी करने की घोषणा की है। इस बीच उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार की और से गठित मंत्रियों की कमेटी इस वर्ष को अंतिम मौका मानते हुए सशर्त एडमिशन की अनुमति देने का आग्रह राजभवन से करेगी। इससे राहत मिल सकेगी। नजदीकी सरकारी प्लस टू स्कूलों में दाखिला लेने का निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि इंटर की पढ़ाई अब डिग्री कॉलेजों से अलग की जा रही है। छात्र यदि कहीं एडमिशन नहीं पा रहे हैं तो वे नजदीकी सरकारी प्लस टू स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं। सीटें उपलब्ध हैं और शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी है। अगर किसी स्कूल के उत्क्रमण का प्रस्ताव आता है तो उसपर भी विचार किया जाएगा। बूट पॉलिश कर विरोध करेंगे इंटर के शिक्षकेतर कर्मचारी डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने से इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारियों का भी भविष्य अंधकार में है। शिक्षक लगातार 2 महीने से समायोजन की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसपर कुछ हुआ नहीं। इसको लेकर कर्मचारी संघ द्वारा भी राजभवन के समक्ष धरना दिया जा गया। अब सभी कर्मचारी झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय अनुबंध शिक्षकेतर कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले आंदोलन करेंगे और सोमवार को एक दिवसीय बूट पॉलिश कर विरोध करेंगे। बूट पॉलिश कर शिक्षकेतर कर्मचारी विरोध स्वरूप धन अर्जित कर अपने जीविकोपार्जन को चलाने का प्रदर्शन करेंगे।
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