जब कोई मां, बहन या बेटी सिंदूर लगाती है, तो सैनिकों को गर्व से करती है याद; क्या बोले थल सेनाध्यक्ष
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, 'हमने बिना किसी नागरिक के हताहत हुए 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह दर्शाता है कि भारतीय सेना न केवल शक्तिशाली है, बल्कि जिम्मेदार भी है।'

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। रविवार को उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी। यह भारत की एकता, संकल्प और आत्मविश्वास की अभिव्यक्ति थी। सरकार ने हमें पूरी रणनीतिक स्वतंत्रता दी और देशवासियों ने जो भरोसा दिखाया, वह हमारी प्रेरणा का स्रोत बन गया। हमने बिना किसी नागरिक के हताहत हुए 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। यह दर्शाता है कि भारतीय सेना न केवल शक्तिशाली है, बल्कि जिम्मेदार भी है।' जनरल द्विवेदी ने कहा कि मुझे गर्व है कि हमारे सैनिकों ने अनुशासन, संयम और असीम साहस के साथ इस ऑपरेशन को पूरा किया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, 'यह जीत केवल सेना की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद को एक सुनियोजित, सटीक और योग्य जवाब है। मैं एक और बात कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर के नाम के कारण, जब भी कोई मां, बहन या बेटी सिंदूर लगाती है, तो वह हमारे सैनिकों को गर्व से याद करती है। आतंकवाद को हर बार मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। हम सतर्क, सक्षम और हमेशा पूरी तरह तैयार हैं।' सीओएएस ने यह टिप्पणी आईबेक्स तराना नाम के सामुदायिक रेडियो स्टेशन (88.4 मेगाहर्ट्ज) के उद्घाटन पॉडकास्ट के दौरान की। यह स्टेशन गढ़वाल क्षेत्र के लोगों को समर्पित है, जिसका उद्देश्य सामुदायिक सशक्तिकरण और क्षेत्रीय विकास के लिए सशक्त माध्यम के रूप में कार्य करना है।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में डिटेल
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाया। इसका मुख्य कारण 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए। इनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक और एक नेपाली नागरिक शामिल था। हमलावरों ने धर्म आधारित नरसंहार किया, जिसमें हिंदू पुरुषों को चुन-चुनकर मारा गया। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, जिसमें मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर जैसे स्थान शामिल थे। भारत ने राफेल विमानों, स्कैल्प मिसाइलों और कामिकाजी ड्रोनों का उपयोग कर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया, जिसमें 80-100 आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन ने भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया।