मां मंगला की विधि-विधान से हुई पूजा, निकली शोभायात्रा
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मूलवासी समाज ने मां मंगला उषा की पूजा धूमधाम से की। भक्तगण उपवास रखकर स्वर्णरेखा नदी घाट पहुंचे। महिलाओं ने जल भरकर कलश की स्थापना की और भक्ति भाव से पूजा की। कलश यात्रा...

शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मूलवासी समाज की ओर से मां मंगला उषा की पूजा धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ की गई। भक्तगण सुबह से ही उपवास रखकर दोपहर में बाजे-गाजे के साथ स्वर्णरेखा नदी घाट पहुंचे। महिलाओं ने नदी और तालाब से घट में जल भरकर आंगन में कलश की स्थापना की। इसके बाद सुख-शांति के लिए भक्ति भाव से माता की पूजा की गई। वहीं, शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कलश यात्रा भी निकाली गई। पारंपरिक ढोल और मांदर की ध्वनि के बीच महिला श्रद्धालुओं ने नदी से जल भरकर माता के चरणों में अर्पित किया। जल यात्रा में पुरुषों के साथ बच्चे भी शामिल हुए। मंगल पूजा में बलि देने की परंपरा है। श्रद्धालुओं ने मां मंगला से अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर बलि दी गई। रात के समय पूजा स्थल पर मुख्य पुजारिन की ओर से मां मंगला की स्तुति की गई। मंगलवार को मां मंगला की पूजा भालूबासा, बिरसानगर, धतकीडीह, सिदगोड़ा, भुइयांडीह, उलियान, उलीडीह, बर्मामाइंस, बागुनहातु सहित अन्य क्षेत्रों में धूमधाम से की गई। रात 10 बजे से मंगल पाठ की शुरुआत हुई, जो बुधवार की सुबह तक चलेगा। पूजा में बड़ी संख्या में समाज के लोग पीले वस्त्रों में शामिल हुए। भक्तों ने मां मंगला से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की और परिवार व समाज के सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा।
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