संविधान बनाम शरीयत बयान पर भाजपा का विरोध तेज, 21 को होगा प्रदर्शन
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के बयान ने राजनीतिक तनाव को जन्म दिया है। भाजपा ने इसे संविधान पर हमला मानते हुए विरोध करने का निर्णय लिया है। 21 अप्रैल को जमशेदपुर में विशाल...

झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भाजपा ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और भारतीय संविधान पर हमला करार देते हुए विरोध जताया है। भाजपा ने 21 अप्रैल को जमशेदपुर में विशाल विरोध मार्च निकालने की घोषणा की है। इसको लेकर गुरुवार को साकची स्थित भाजपा जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई। इसमें भाजपा पदाधिकारियों और विभिन्न मोर्चा अध्यक्षों ने भाग लिया और आगामी प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा की। निर्णय लिया गया कि 21 अप्रैल की सुबह 10 बजे साकची कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला जाएगा। इस दौरान उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। सुधांशु ओझा ने कहा कि ऐसे बयान न केवल कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी चोट पहुंचाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि संविधान की शपथ लेने वाले हफीजुल अंसारी अब उसी संविधान को नीचा दिखा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि संविधान बचाओ का नारा देने वाली कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश क्यों है। बैठक में संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, रेणु शर्मा, अनिल मोदी, नीतीश कुशवाहा, सागर राय, नीलू मछुआ, मंजीत सिंह, परेश मुखी, रमेश बास्के समेत अन्य नेता उपस्थित थे।
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