झूठे केस में फंसाने और हमले की साजिश! बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर क्या बोली JMM?
नेता विपक्ष मरांडी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार के चहेते अफसर उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश में लगे हैं। वे राज्य में शराब घोटाला,जेएसएससी व जेपीएससी में भ्रष्टाचार,जमीन,बालू,कोयला,पत्थर आदि की लूट के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं।

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने के कारण मुझ पर हमला करने और झूठे केस में फंसाने की साजिश रची जा रही है। यह हमला उनके ऊपर,उनके परिवार के लोगों पर या उनसे जुड़े लोगों पर भी हो सकता है।मरांडी ने सोमवार को गिरिडीह परिसदन भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में उक्त आरोप लगाए। मरांडी के आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी जवाब सामने आया है। पार्टी ने कहा कि बाबूलाल मरांडी सीएम हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से निराश और हताश हो गए हैं।
मरांडी के सोरेन सरकार पर क्या आरोप?
नेता विपक्ष मरांडी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार के चहेते अफसर उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश में लगे हैं। वे राज्य में शराब घोटाला,जेएसएससी व जेपीएससी में भ्रष्टाचार,जमीन,बालू,कोयला,पत्थर आदि की लूट के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं। इससे भ्रष्ट अफसर भयभीत हैं और उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी अफसर का नाम नहीं लिया पर कहा कि यदि जांच एजेंसी उनके पास आएगी तो नाम का भी खुलासा करेंगे।
बाबूलाल ने कहा कि भ्रष्टाचार और लूट के खिलाफ वे आवाज उठाते रहेंगे। जरूरत होगी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वे हवा में बात नहीं करते हैं। 2022 में भी शराब घोटाले को लेकर पत्र लिखा था। आज वह घोटाला सामने आया है। बाद में एक्स पर पोस्ट कर मरांडी ने कहा कि पहले भी शिकारीपाड़ा क्षेत्र में मुझ पर उग्रवादियों से हमला करवाने की साजिश रची गई थी। उस समय मिली खुफिया जानकारी के बाद केंद्र सरकार ने मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी थी। अब फिर झूठे मुकदमों और चरित्र हनन के जरिए मुझे डराने की कोशिश की जा रही है। मैं सरकार के चहेते अफसरों से स्पष्ट कहना चाहता हूं कि गीदड़भभकी और झूठे आरोपों से मैं नहीं डरने वाला।
झामुमो का भी आ गया जवाब
झामुमो के महासचिव एवं प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा करार दिया है। आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री रहे हैं और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें ऐसे छिछले और आधारहीन आरोप लगाने से पहले अपनी गरिमा और जिम्मेदारी का ध्यान रखना चाहिए।
यह स्पष्ट है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता और जनहितकारी नीतियों से वे निराश और हताश हैं। उन्होंने आगे कहा कि मरांडी का यह रवैया झारखंड की प्रगति के खिलाफ है। जब राज्य सरकार भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करती है तो मरांडी परेशान हो उठते हैं। वे एंटी करप्शन ब्यूरो को सवाल भेजने लगते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि एक स्वतंत्र जांच एजेंसी को संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा प्रश्न भेजना कहां तक उचित है? यह सीधे-सीधे निष्पक्ष जांच में लगे सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाने की चाल है।
विनोद कुमार पांडेय ने आगे कहा कि जब सरकार रांची में रिम्स-2 अस्पताल जैसे जनकल्याणकारी प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए कदम उठाती है, तो मरांडी और उनकी पार्टी भाजपा के नेता इसका विरोध करते हैं। यह नेता प्रतिपक्ष का काम नहीं है। झारखंड की जनता विकास चाहती है,न कि बाधा उत्पन्न करने वाली सियासत। विनोद कुमार पांडेय ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार जनता के हित में पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने जेएसएससी और जेपीएससी जैसी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की है और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। मरांडी के आरोप न केवल हास्यास्पद हैं, बल्कि यह जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।