Women Celebrate Vat Savitri Puja for Eternal Marital Bliss in Koderma अमर सुहाग की कामना को लेकर सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा, Kodarma Hindi News - Hindustan
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अमर सुहाग की कामना को लेकर सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा

कोडरमा जिले के विभिन्न प्रखंडों में सोमवार को सुहागिनों ने वट सावित्री पूजा श्रद्धाभक्ति के साथ की। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी और वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए पति की...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोडरमाTue, 27 May 2025 06:15 AM
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अमर सुहाग की कामना को लेकर सुहागिनों ने की वट सावित्री की पूजा

कोडरमा, हिन्दुस्तान टीम अमर सुहाग की कामना को लेकर सोमवार को कोडरमा जिले के विभिन्न प्रखंडों में श्रद्धाभक्ति के साथ सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा की। इस दौरान महिलाओं ने एक- दूसरे को अमर सुहाग की कामना की। पूजा के मौके पर सोमवार की सुबह से ही महिलाएं जुटने लगी थी। भक्तिभाव के साथ महिलाओं ने पूजा अर्चना कर वटवृक्ष की परिक्रमा करते हुए लंबी सुहाग की कामना की। जयनगर प्रखंड क्षेत्र में वट सावित्री पूजा सोमवार को पूरे श्रद्धा के साथ हुई। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण किया। पूजा स्थल पर महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा की और कच्चे धागे बांधकर पति के लिए मंगलकामना की।

इस अवसर पर गांवों में सामूहिक रूप से पूजा का आयोजन किया गया। प्रखंड मुख्यालय समेत पेठियाबागी,हीरोडीह, पिपचो, डंडाडीह, परसाबाद सहित विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक उत्साह का माहौल देखने को मिला। इधर, डोमचांच प्रखंड के आसपास के क्षेत्रों में हर्षोल्लास भरे वातावरण में सुहागिनों का महापर्व वट सावित्री पर्व मनाया गया। नगर पंचायत से लेकर गांव तक विवाहिता महिलाओं ने धार्मिक विधि-विधान के साथ वटवृक्ष की पूजा अर्चना की और अपने सुहाग के लंबी उम्र की कामना की। इस दौरान सुहागिन एक-दूसरे को सिंदूर लगाते हुए बरगद के पेड़ में रक्षासूत्र बांध कर सात फेरे लगाए और उसके नीचे बैठकर विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हुए अपने अपने पति की दीर्घायु के साथ परिवार की सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। पंडितों के मुताबिक, वटवृक्ष की उम्र काफी लंबी होती है। इसलिए वट सावित्री पूजा में सुहागिन महिलाएं वटवृक्ष जितनी लंबी उम्र की कामना के लिए उसकी पूजा करती हैं। पूजा-अर्चना के बाद पति के दीर्घायु की कामना के साथ महिलाओं ने निराहार या फलाहार व्रत रखा। पंडित नरेश पांडे से वट वृक्ष के नीचे बैठकर सावित्री-सत्यवान की कहानी सुनीं। ऐसी मान्यता है कि वट सावित्री के व्रत के दिन बरगद पेड़ के नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा सुनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि, इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को फिर से जीवित किया था।

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