Lohardaga Tribal Society Conference Emphasizes Education and Social Unity शिक्षा व्यक्ति और समाज को मजबूत बनाता है: सावन लोहरा, Lohardaga Hindi News - Hindustan
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शिक्षा व्यक्ति और समाज को मजबूत बनाता है: सावन लोहरा

लोहरदगा में आदिवासी लोहरा समाज का जिला स्तरीय सामाजिक सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि सावन लोहरा ने शिक्षा को समाज के विकास का मूल मंत्र बताया। सम्मेलन में लोहरा समाज के विभिन्न जिलों के लोग शामिल हुए...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाSun, 15 June 2025 11:16 PM
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शिक्षा व्यक्ति और समाज को मजबूत बनाता है: सावन लोहरा

लोहरदगा, संवाददाता। आदिवासी लोहरा समाज लोहरदगा का जिला स्तरीय सामाजिक सम्मेलन सदर प्रखंड परिसर स्थित नया नगर भवन में रविवार (15 जून) को नए संकल्पों नई ऊर्जा और शिक्षा को समाज के उत्थान के लिए आवश्यक बताने के साथ संपन्न हुआ। इसमें आधा दर्जन से अधिक जिलों के लोहार समाज के अगुआ शामिल हुए। मुख्य अतिथि झारखंड राज्य कृषि उपनिदेशक सावन लोहरा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति और समाज के मजबूर लोगों को शिक्षा मजबूत बनाता है। इसलिए समाज के लोगों को सर्वाधिक ध्यान शिक्षा पर देना चाहिए हमारा समाज स्किल्ड समाज माना जाता है। इसे शिक्षा के जरिए और अधिक रोजगारोन्मुख बनाने की जरूरत है।

लोहरदगा का नगर भवन समाज के लोगों के लिए रविवार को कम पड़ गया यह इस बात का घोतक है कि हमारा समाज सामाजिक एकता शिक्षा और कौशल विकास को लेकर सजक बन रहा है। हमारी माताएं बहनें इस सम्मेलन में शामिल होकर मातृशक्ति का परिचय दिया है। अच्छी बात यह है कि सम्मेलन में मातृ शक्तियां अधिक संख्या में है। लोहरा समाज का प्राचीन काल से ही अपनी विशिष्ट पहचान के साथ रहा है। जिस समय आधुनिकता निर्माण नहीं हुआ था,तब लोहरा समाज के लोग ही लोहा गला कर कृषि योग औजार और लड़ाई के मैदान में तीर धनुष का आविष्कार कर देश हित में अपना योगदान दिया है। हमारा लोहरा समाज इंजीनियर समाज है। समाज में काफी हुनरमंद लोग हैं। स्किल डेवलपमेंट के अलावे शिक्षा से जोड़कर हम अपनी समाज का स्थिति सुधार सकते है। लोहरदगा समाज पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष बालमुकुंद लोहरा ने कहा कि किसी भी समाज का विकास का पहला मूल मंत्र शिक्षा है। समाज को एक जुट करके सामाज के विद्यार्थी को उच्च शिक्षा दिलाना जरूरी है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज को अधिक से अधिक दिलाना है। समाज में आदिवासी रीति रिवाज को मान्यता देते हुए अपनी पहचान, भाषा, संस्कृति को बचाना है। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों के रामशरण लोहरा सर्वप्रथम कुटुमू गांव के पहान ने सरना झंडा का पूजा कर प्रारंभ किया गया। सरना भजन कार्तिक लोहरा की अगुवाई में गाया गया। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर, बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर सम्मेलन की शुरुआत की गई। सम्मेलन को रामशरण लोहरा, सुरेश लोहरा, राजू लोहरा, भुनेश्वर लोहरा, कार्तिक लोहरा, सिवान लोहरा, हरक लोहरा,राजूराम, ब्रिज लोहरा, शंभू शंकर गुरु, डॉक्टर सांगा, सरिता देवी, धनेश लोहरा, अमित लोहरा, आदि लोगों ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में रांची,गुमला, सिमडेगा, खूंटी लातेहार और मेजबान लोहरदगा जिला के अगुवागण शामिल हुए। लोहरदगा जिला के सभी सात प्रखंडों से बड़ी संख्या में महिलाएं ,पुरुष, नौजवान और बच्चे शामिल हुए। अवसर पर सामाजिक एकता सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया। पूरे कार्यक्रम के दौरान झारखंड की पारंपरिक संस्कृति को सबल बनाने के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इसका भी तमाम लोगों ने लुत्फ उठाया।

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