बोले पलामू : संसाधनों में वृद्धि और शिक्षक हों बहाल, छात्रों की बस यही गुहार
मेदिनीनगर के ब्राह्मण प्लस-2 विद्यालय में छात्रों की संख्या 774 है, लेकिन संसाधनों और शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। विद्यालय में प्लस-2 के लिए शिक्षक नहीं हैं, जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है।...
मेदिनीनगर के कोर एरिया में 1942 से संचालित राजकीयकृत ब्राह्मण प्लस-2 विद्यालय अपनी शानदार लोकेशन के कारण असाधारण विद्यालय के रूप में पहचाना जाता है। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव इस विद्यालय में पढ़ाई करते हुए मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। विद्यालय के ठीक सामने प्रमंडल स्तरीय केंद्रीय पुस्तकालय भी है। सामने में 16 एकड़ में फैला तालाब का खुला क्षेत्र वातावरण को सुंदर बनाता है। बावजूद इसके संसाधन और शिक्षकों की कमी से जूझ रहा ब्राह्मण विद्यालय हाल के दशकों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहा है। बोले पलामू अभियान के दौरान स्कूल के शिक्षक, छात्र व अभिभावकों ने हिन्दुस्तान से अपनी समस्याएं साझा कीं।
मेदिनीनगर। भारत छोड़ो आंदोलन की दौर में पलामू जिला मुख्यालय सिटी में शिक्षा के विकास के लिए 1942 मेदिनीनगर के जेलहाता मोहल्ले में स्थापित राजकीयकृत ब्राह्मण विद्यालय को शैक्षणिक सत्र 2022-23 में झारखंड सरकार ने अपग्रेड कर प्लस-2 स्तरीय विद्यालय बना दिया है। परंतु अभी तक प्लस-2 के लिए शिक्षकों का पद स्वीकृत नहीं किया गया। प्लस-2 की शिक्षा के लिए नामांकन कराने वाला पहला बैच बगैर शिक्षक के ही पढ़कर फाइनल परीक्षा दे दिया और फिलवक्त रिजल्ट का इंतजार कर रहा है। दूसरा बैच भी अंतिम सत्र में है परंतु प्लस-2 स्तर के शिक्षकों से मुलाकात नहीं हो सकी है। हाईस्कूल के शिक्षक के सहयोग से ही प्लस-2 के विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी हो रही है। विद्यालय में फिलवक्त 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई हो रही है। विद्यालय में नामांकित छात्रों के अनुपात में बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। परीक्षा और अन्य गतिविधियों के दौरान जब सभी छात्र उपस्थित होते है तो उन्हे बैठाने में स्कूल प्रबंधन को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति नियमित अंतराल पर उत्पन्न होते रहती हैं। फिलवक्त विद्यालय में कुल नामांकित 774 विद्यार्थी हैं। नियमित रूप से करीब 300 विद्यार्थी स्कूल आते हैं। स्कूल परिसर का वर्तमान कैंपस काफी छोटा है। सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति होने में पूरा कैंपस में गहमागहमी की स्थिति बन जाती है। हालांकि मल्टी स्टोरेज भवन बनाए जाने से थोड़ी राहत मिली है फिर भी प्लस-2 स्तर के विद्यालय के निमित कैंपस का विस्तार बेहद जरूरी है। शिक्षकों ने बताया कि 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई फिलवक्त 12 शिक्षकों के भरोसे पूरी की जा रही है। वर्तमान में शिक्षकों का स्वीकृत पद 40 है। पूर्व से स्वीकृत पद के विरुद्ध शिक्षकों की शत-प्रतिशत पदस्थापना हो जाने से स्थिति पठन-पाठन में सुधार संभव है। स्कूल का अपना खेल मैदान करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर शांतिपूरी मोहल्ला में स्थित है, परंतु उसके बड़े हिस्से को अतिक्रमित कर लिया गया है। साथ ही खेल मैदान के रूप में वर्तमान जमीन विकसित भी नहीं किया गया है। इसके कारण इस खेल मैदान का नियमित उपयोग नहीं हो पा रहा है। विद्यालय के खेल मैदान को विकसित करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास की मांग लगातार की जा रही है। परंतु प्रशासनित स्तर पर अतिक्रमण हटाने और उसे विकसित करने की दिशा में प्रयास सनहीं किया जा सका है। खेल मैदान के चौतरफा घनी आबादी बस जाने और मैदान के बीच में ही बिजली तार, पोल, ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए जाने के कारण ब्राह्मण प्लस-2 विद्यालय के विद्यार्थी इसका सदुपयोग नहीं कर पाते हैं। विद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षक व अभिभावकों ने कहा कि संख्या के अनुपात में बैठने के लिए बेंच डेस्क भी स्कूल में उपलब्ध नहीं है। वर्ग कक्ष की भी कमी है। विद्यालय का प्रवेश गलियारा भी काफी संकीर्ण है। शौचालय, पुस्तकालय और प्रयोगशाला भी बेहतर स्थिति में नहीं है। कॉमन रूम और इनडोर गेम के लिए आवश्यक उपकरण की भी कमी है। इसके कारण विद्यार्थियों का समग्र विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसा भी नहीं कि इस स्कूल के विद्यार्थी अन्य स्कूलों की तुलना में काफी कमजोर हैं। शौचालय की स्थिति बेहद खराब विद्यालय में मौजूद शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। अगर कोई उपयोग करना भी चाहे तो स्थिति देखकर इरादा बदल लेगा। जमा पानी बजबजाता हुआ स्थिति में मौजूद है। न ही नल से पानी की आपूर्ति हो रही है न ही पाइप सही से कार्य कर रहे है। रखरखाव के अभाव में शौचालय की स्थिति खराब हो गई है। पुरुष शिक्षक और लड़के किसी तरह काम चला लेते है मगर ऐसी स्थिति में छात्राओं एवं महिला शिक्षिकाओं के समक्ष प्रतिदिन एक बड़ी चुनौती बनी रहती है। स्थितियों को बेहतर करने के लिए न सिर्फ बुनियादी सुविधाएं सुदृढ़ होनी चाहिए बल्कि संबंधित माहौल भी बेहतर होना चाहिए ताकि सभी कोई अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन बेहतर रूप से कर सके। प्रयोगशाला में उपकरणों की कमी शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्लस-2 विद्यालय में अपग्रेड राजकीय ब्राह्मण प्लस-2 विद्यालय में अभी भी पुस्तकालय और प्रयोगशाला की स्थिति ठीक नहीं है। जरूरत के उपकरण, पुस्तक आदि की घोर कमी है। इसके कारण विद्यार्थियों को समुचित लाभ नहीं हो पा रहा है। मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के कोर एरिया में स्थित होने के कारण यह विद्यालय, विद्यार्थियों के लिए सहज है परंतु संसाधनों की कमी इसे मानक रूप में प्लस-2 विद्यालय बनाने में बाधक बन रहा है। शिक्षकों की भी है समस्या विद्यालय में वर्ग 8 से 12 तक की पढ़ाई होती है। बच्चे बड़ी उम्मीद के साथ, कुछ बेहतर जानने, समझने और संबंधित विषय में पारंगत होने के लिए विद्यालय आते है। मगर शिक्षकों की कमी से जूझ रहा स्कूल विद्यार्थियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। ऐसे में न तो वे विषय की गहराई को समझ पाते है और न ही वर्तमान स्मार्ट युग के अनुसार खुद को परिलक्षित कर पाते है। विद्यालय में 2 के कोई शिक्षक नहीं होने से उनके विषयवार सिलेबस को पूर्ण करना एक बड़ी चुनौती है। विद्यालय के छात्र फिसड्डी रह जा रहे है। सरकार को विषयवार स्थाई शिक्षक की नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि छात्रों के समस्या का पूर्ण समाधान निकल सके। शराब की दुकान हटाएं विद्यालय के बायीं ओर शराब की दुकान जबकि दाहिने ओर मांस की दुकान संचालित होती है। सुबह होते ही दिन भर लोगों का अड्डा जम जाता है। विद्यार्थियों और शिक्षकों पर भी फब्तियां कसते नजर आते है। दर्जनों बार लिखित शिकायत के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं है। इस गंभीर स्थिति के कारण विद्यालय में सभ्य अभिभावक अक्सर अपने बच्चों का नामांकन कराने से कतराते है। बच्चों के बेहतर हित में दोनों का हटाया जाना जरूरी है। स्कूल के अवधि के दौराने पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि पठन पाठन का कार्य नियमित रूप से निर्बाध संचालित होता रहे। खेल मैदान का अभाव विद्यालय में खेल मैदान का घोर अभाव है। एक मैदान है भी, तो वह विद्यालय से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैदान के बड़े भाग को अतिक्रमित कर लिया गया है। निश्चित रूप से खेल के मैदान की कमी से छात्र विभिन्न खेलों में अपना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है। क्रिकेट, फुटबॉल, गतका,खोखो सहित अन्य खेलों के खिलाड़ी भी अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते है। समस्याएं 1. विद्यालय में बच्चों की संख्या के अनुपात में बैठने के लिए बेंच डेस्क की कमी है। 2. विद्यालय के पास खेल का मैदान की कमी है। एक मैदान है भी तो वह डेढ़ किलोमीटर दूर है। 3. विद्यालय में प्लस टू में एक भी विषय के शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। 4. विद्यालय परिसर के शौचालय की स्थिति बेहद खराब होने से छात्रों को होती है परेशानी₹ 5. विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में शराब और मांस की दुकानें सुचालित होती है। सुझाव 1. बच्चों की संख्या के अनुपात में बैठने के लिए बेंच डेस्क तत्काल उपलब्ध होना चाहिए। 2. विद्यालय में छात्रों के लिए अदद खेल मैदान उपलब्ध होना चाहिए जहां बच्चे खेल सकें। 3. विद्यालय में जरूरत के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति अविलंब होनी चाहिए। 4. विद्यालय परिसर में स्थित शौचालय को जल्द ठीक करा सुविधाएं मुहैया करायी जाए 5. विद्यालय के पास संचालित मांस और शराब की दुकान का अविलंब हटाया जाए। इनकी भी सुनिए विद्यालय में 2 शिक्षकों को कमी से संबंधित छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है। विद्यालय के 3.86 एकड़ भूमि का बड़ा हिस्सा अतिक्रमण का शिकार है। खेल के मैदान का अभाव है जिसके कारण विभिन्न खेलों में बच्चों का प्रदर्शन बेहतर नहीं हो पा रहा है। नामांकित छात्रों के अनुपात में बैठने के लिए बेंच डेस्क भी नहीं है। -सतीश कुमार दुबे, प्राचार्य, ब्राह्मण 2 विद्यालय ब्राह्मण विद्यालय का रौनक लौटाने का प्रयास किया जाएगा। इस दिशा में जिला प्रशासन के समक्ष समस्याओं को रखकर निदान निकालने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षकों की पदस्थापना कराने की दिशा में पहल की जाएगी। विद्यालय का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। वर्तमान भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।. विजय ओझा, सांसद प्रतिनिधि डिजिटल लाइब्रेरी और खेल मैदान की व्यवस्था हो विद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा होनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में रोचकता बनी रहे। बच्चो की मांग के अनुसार सभी विषयक की पुस्तके भी उपलब्ध होनी चाहिए। -राकेश शर्मा, अभिभावक संस्कृत विषय के शिक्षक के न रहने से पढ़ाई बाधित होती है। छात्रों के हित में अविलंब संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि बच्चों को विषय की बेहतर समझ हो सके। -आशुतोष प्रजापति, छात्र विद्यालय में वॉशरूम की स्थिति बेहद खराब है। तत्काल सफाई के साथ उसे बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए ताकि छात्र समेत शिक्षक भी उसका प्रयोग कर सके। -रीतिक राज, छात्र महिला शिक्षिकाओं के लिए अलग कॉमन रूम की कमी है। अलग कॉमन रूम न होने से थोड़ा असहज महसूस होता है। विद्यार्थियों के लिए भी व्यवस्थित कामन रूप की जरूरत है। -डॉली कुमारी, शिक्षिका विद्यालय में अध्यापन कार्य के दौरान बिजली की समस्या होती है। छात्रों के हित में एक सोलर पैनल या बड़ा इनवर्टर की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कार्य निरंतर गति में होता रहे। -कविता कुशवाहा, शिक्षिका 2 में शिक्षक पदस्थापित नहीं है, हाईस्कूल के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाते है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई व्यवस्थित तरीके से नहीं हो पा रही है। सिलेबस पूर्ण करने में बहुत समस्याएं आ रही है। -अरफा शमीम, शिक्षिका विद्यालय को अपग्रेड किया गया है परंतु शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई बहुत प्रभावित होता है। सभी वर्ग के लिए विषयवार नियुक्ति बेहद आवश्यक है, तभी बच्चों को तथ्य की समझ हो सकेगी। -रोहित कुमार, छात्र सिलेबस समय से पूर्ण नहीं होने से छात्र परीक्षा में बेहतर नहीं कर पाते है। अपूर्ण सिलेबर की स्थिति में छात्र के समक्ष चुनौतियां रहती है। संबंधित विषय की जानकारी नहीं होने से छात्र पिछड़ जाते हैं। -भास्कर कुमार, छात्र विद्यालय में भवन निर्माण शीघ्र कराने की आवश्यकता है ताकि वर्ग कक्ष, ऑफिस, पुस्तकालय, प्रयोगशाला का बेहतर ढंग से संचालन किया जा सके। -गिरेंद्र शुक्ला, लिपिक गर्मी में बिजली की अनियमित आपूर्ति से पढ़ाई प्रभावित होता है। बिजली आपूर्ति की कठिनाई के कारण विद्यालय में रहना मुश्किल होता है। छात्र हित में इनवर्टर की व्यवस्था हो। -रघुवीर विश्वकर्मा, छात्र दूर से आने वाले छात्रों के लिए विद्यालय स्तर से बस या अन्य वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चहिए । साथ ही आर्थिक विषमता के बावजूद विद्यालय में बेहतर ढंग से पढ़ाई कर सकें। -राजू लकड़ा, छात्र खेलकूद के लिए मैदान की कमी होने से सभी छात्र नियमित खेल से संबंधित अभ्यास नहीं कर पाते है। परिणामस्वरूप जिला या राज्य स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धा में बेहतर नहीं कर पाते है। -कार्तिक सिंह, छात्र
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