जल पखवाड़ा मनाने में पलामू सुस्त, राज्य में 20वां स्थान
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने 16 से 30 अप्रैल तक जल पखवाड़ा मनाने का निर्देश दिया है। पलामू जिले में 2906 स्कूलों में से केवल 309 ने ही लिंक लॉग-इन किया है, जिससे जिले की स्थिति 20वें स्थान पर...

मेदिनीनगर। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् ने सभी स्कूलों में 16 से 30 अप्रैल तक जल पखवाड़ा मनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए स्कूलों को लिंक भी उपलब्ध कराया गया है। परंतु पलामू जिले के सरकारी और निजी सेक्टर के कुल 2906 स्कूलों में महज 309 स्कूलों ने ही लिंक को लॉग-इन किया है। निर्देश का अनुपालन करने के प्रति उदासीनता के कारण राज्य में पलामू जिले की स्थिति दुर्भाग्यजनक तरीके से 20वें स्थान पर पहुंच गई है। समग्र शिक्षा अभियान के पलामू यूनिट में कार्यरत एपीओ उज्जवल मिश्रा ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने झारखंड शिक्षा परियोजना के निर्देश के आलोक में जल पखवाड़ा मनाने के लिए स्कूलों को पत्र प्रेषित किया है। जिले में अभी तक केवल 10.6 प्रतिशत स्कूलों ने जल पखवाड़ा लिंक को लॉग इन किया है। जल पखवाड़ा मनाने के आदेश का अनुपालन में राज्य में पलामू जिला 20वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि जल पखवाड़ा एक सामाजिक आंदोलन है। जल संचयन करने की दिशा में बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के माध्य से प्रेरित करना है। इसके अलावा हर महीने के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति, शिक्षक-अभिभावक और बाल संसद की बैठक में जल संरक्षण पर विमर्श करना है।
जल पखवाड़ा के तहत सभी स्कूलों में जल संरक्षण के लिए जिला, प्रखंड, संकुल स्तर पर छात्रों के बीच साथ वाद-विवाद, निबंध, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला प्रतियोगिता कराने का निर्देश दिया गया है। स्कूलों को संबंधित वेबसाइट पर जल संरक्षण के बारे में जागरूकता संदेश पोस्ट भी करना है। फिर भी जल पखवाड़ा मनाने को लेकर राज्य में पलामू जिले की स्थिति काफी निराशाजनक है। जल संरक्षण पर स्कूल की कक्षाओं में पाठ भी पढ़ाया जाना है, ताकि बच्चे जल संरक्षण की गंभीरता को समझे और व्यक्तिगत जीवन में उतार सकें। पलामू जिले में जल संकट बड़ी समस्या है। इस दिशा में स्कूल परिवार की महती भूमिका है।
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