पलामू में मनरेगा से महज 2199 मजदूरों को मिला 100 दिनों का रोजगार
मेदिनीनगर, राजेश सिन्हा। पलामू जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक लाख 45 हजा

मेदिनीनगर। पलामू जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक लाख 45 हजार 586 मनरेगा मजदूरों को काम मिला है। हालांकि 100 दिन की मजदूरी महज 2199 मजदूरों को ही मिल सका है। शेष मजदूरों को सौ दिनों से कम काम मिल पाया है। मनरेगा के तहत पलामू जिले के 1859 गांव पंजीकृत हैं। इन सभी गांवों में मनरेगा मजदूर हैं। जिले में मनरेगा में पंजीकृत दो लाख 35 हजार 275 एक्टिव मजदूर हैं। मनरेगा की राशि से कुआ निर्माण, मेढ़बंदी, डोभा निर्माण, ईसीबी, बागवानी, दीदीबाड़ी आदि योजनाओं का क्रियान्वयन कराते हुए मजदूरों को रोजगार दिया गया है। मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी उपेंद्र राम ने बताया कि मनरेगा के तहत वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा में वृद्धि के उद्देश्य से मनरेगा शुरू किया गया है। वयस्क सदस्य अकुशल मैन्युअल काम करने के लिए स्वयंसेवक है। आवेदक के निवास के पांच किमी के भीतर रोजगार प्रदान किया जाना है और मनरेगा के तहत मजदूरों को निर्धारित मजदूरी का भुगतान किया जाना है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 मैटेरियल और मजदूरी पर एक अरब 77 करोड़, 94 लाख, 39 हजार रुपए खर्च किये गए हैं। पलामू जिले में 265 रोजगार सेवकों का पद सृजित है, जिसके विरुद्ध 19 पद रिक्त है। मनरेगा मजदूरों का भुगतान राज्य स्तर से की जाती है। वित्तीय वर्ष आवंटन के अभाव में मजदूरों का 46.55 लाख रुपए अभी बकाया है। सखी मंडल की दीदी ने दीदीबाड़ी के तहत सतरंग सब्जी उत्पादन का कार्य किया जाता है, उसमें काम करने वाले मजदूरों को मनरेगा के तहत भुगतान किया जाता है। मनरेगा मजदूरों को 282 रुपए की दर से भुगतान किया जाता है।
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