गढ़वा जिले के शिक्षकों की नहीं हुई सेवा संपुष्टि
2015-16 में प्रारंभिक विद्यालयों में 700 शिक्षकों की हुई है नियुक्ति, झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। गढ़वा जिले में वर्ष 2015-16 में बहाल प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों की अब तक सेवा संपुष्टि नहीं हुई है। गढ़वा में उस साल लगभग 700 प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। दो वर्ष की संतोषजनक परिवीक्षाधिन अवधि के बाद सेवा सम्पुष्टि हो जानी चाहिए थी, लेकिन 10 वर्ष हो जाने और राज्य स्तर से कई बार निर्देश जारी होने के बावजूद भी जिले के मात्र 39 शिक्षकों की सेवा सम्पुष्ट हो पाई है। झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने इस बाबत शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा है। संघ ने मांग की है कि सचिव के स्तर से गढ़वा जिले में जल्द से जल्द सभी शिक्षकों की सेवा सम्पुष्ट करने का आदेश निर्गत हो। नोडल अधिकारी नियुक्त कर राज्य स्तर से इसके प्रगति की समीक्षा की जाए। संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू ने कहा कि सेवा सम्पुष्टि सभी शिक्षकों का मूलभुत अधिकार है। गढ़वा में सभी प्रारंभिक विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच हो चुकी है। अतः इस बिंदु पर उपायुक्त गढ़वा को त्वरित संज्ञान लेते हुए सेवा संपुष्टि का कार्य पूर्ण करना चाहिए। प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने कहा कि सेवा सम्पुष्टि करने को लेकर संगठन पूर्व से गंभीर है और गढ़वा जिले में लगातार विभाग से समन्वय स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। अगर इसके बावजूद भी सेवा संपुष्टि का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण नहीं होता तो प्रदेश कमेटी द्वारा आंदोलन से संबंधित निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
सेवा संपुष्टि क्यों है जरूरी
सेवा संपुष्टि किए जाने के बाद ही सेवा स्थाई मानी जाती है। इसके बिना अंतर जिला स्थानांतरण, प्रोन्नति और शिक्षक की आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में किसी भी प्रकार की अनुशंसा करने में समस्या आती है। यहां तक की निदेशालय से मिलने वाले गृह निर्माण ऋण भी सेवा सम्पुष्ट हुए बिना नहीं मिल सकता है।
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