266वें पोप के रूप में लैटिन अमेरिका के जेसुईट सोसाइटी से थे
रांची के संत अलबर्ट थियोलॉजिकल कॉलेज के रेक्टर अजय खलखो ने पोप फ्रांसिस की नियुक्ति और उनके योगदानों पर प्रकाश डाला। बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि पोप के निधन से केवल कैथोलिक कलीसिया को ही नहीं, बल्कि...

रांची। संत अलबर्ट थियोलॉजिकल कॉलेज, रांची के रेक्टर अजय खलखो ने बताया कि मेरी नियुक्ति भी वेटिकन के निर्देश पर हुई है। पोप फ्रांसिस 266वें पोप के रूप में 2013 में नियुक्त हुए थे। वे लैटिन अमेरिका के पहले यीशु समाजी जेसुईट सोसाइटी से पोप बने थे। करुणा, क्षमा, सामाजिक न्याय, पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी, विश्वास और इग्नासियुस के प्रति वफादार रहे। समाज के प्रति थी बड़ी सोच: बिशप कंडुलना
रांची। खूंटी के बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि पोप फ्रांसिस के निधन से सिर्फ कैथोलिक कलीसिया को ही नहीं, वरन सभी समाज के लोगों को क्षति हुई है। लैदातोसी दस्तावेज में उन्होंने पृथ्वी हमारी मां है। पर्यावरण का ख्याल रखना है को बताया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।