बेहतर भविष्य के लिए नई पीढ़ी सोच को विकसित करे : रणेंद्र
रांची वीमेंस कॉलेज में वरिष्ठ कथाकार रणेंद्र ने भारत के इतिहास में बाइनरी और वर्चस्व पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि विविधता और बहुलता भारत की विशेषता है और पितृसत्ता ने स्त्री को कमतर आंका है।...

रांची, विशेष संवाददाता। रांची वीमेंस कॉलेज में शुक्रवार को विशेष एकल व्याख्यान कार्यक्रम हुआ। इसमें वरिष्ठ कथाकार, कवि और आलोचक रणेंद्र ने भारत के इतिहास में बाइनरी और वर्चस्व पर व्याख्यान दिया। कहा कि जिस प्रकार कई छोटी-बड़ी पुस्तकों, ग्रंथों, पत्रिकाओं से मिलकर कोई पुस्तकालय बनता है, उसी तरह वैदिक, पौराणिक, लौकिक, जनजातीय परंपराओं ने मिलकर हमारे देश की सांस्कृतिक चेतना को समृद्ध किया है। विविधता, बहुलता और बहुरंगीपन ही भारत की विशेषता है। कहा कि बेहतर भविष्य के लिए नई पीढ़ी को अपनी सोच विकसित और समृद्ध करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह समझना होगा कि विभिन्न सत्ताओं ने तथ्यों, भावों और धारणाओं को एक-दूसरे के विपरीत रूप में पेश किया है। जैसे, स्त्री-पुरुष की ही बात करें तो स्पष्ट होता है कि सत्ता ने जो बाइनरी गढ़ी उससे हमारे चेतन-अवचेतन में यह बात बैठ गई है कि स्त्रियां भावुक होती हैं और पुरुष बलवान, पर सच्चाई यह है कि पुरुष भी भावुक होते हैं और स्त्रियां भी शक्तिशाली होती हैं।
उन्होंने कहा कि पितृसत्ता के वर्चस्व ने सदियों से स्त्री को कमतर आंका है। स्त्री-पुरुष दोनों की समान भागीदारी से ही विकसित समाज बनेगा। हमारे समाज में श्रेष्ठ बनाम लघु की परंपरा भी है। इसी सोच के तहत आर्य बनाम द्रविड़ का भेदभाव विकसित किया गया है। आज सभी भेदभाव को खत्म करना जरूरी है।
मौके पर कला संकाय की करीब 500 छात्राएं व शिक्षिकाएं मौजूद थीं। कार्यक्रम में प्राचार्या डॉ सुप्रिया, डॉ मधुबाला सिन्हा उपस्थित थीं। संचालन डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने किया।
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