Villagers Struggle for Basic Amenities Electricity and Water Crisis in Thungrudih Village डाड़ी का पानी पीने को विवश हैं ठुंगरुडीह के लोग, Ranchi Hindi News - Hindustan
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डाड़ी का पानी पीने को विवश हैं ठुंगरुडीह के लोग

ठुंगरुडीह गांव के लोग बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव में तीन ट्रांसफार्मर हैं, लेकिन दो खराब हैं। पेयजल के लिए सोलर जलमीनार भी खराब हो चुका है। लोग डाड़ी का पानी पीने को मजबूर...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 19 May 2025 06:47 PM
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डाड़ी का पानी पीने को विवश हैं ठुंगरुडीह के लोग

सिल्ली, प्रतिनिधि। प्रखंड के गोड़ाडीह पंचायत के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र ठुंगरुडीह गांव के लोगों को बिजली व पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। गांव में बिजली के तीन ट्रांसफॉर्मर लगए गए हैं, जिसमें दो ट्रांसफॉर्मर पिछले छह महीने से खराब है। इसके अलावे पेयजल की समस्या से जूझ रहे गांव के उपर टोला के लोग इन दिनों डाड़ी का पानी पीने को विवश हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 40 परिवारों के 200 लोगों की आबादी वाले आदिवासी बहुल इस गांव में पेयजल के लिए वर्ष 2020 में लघु जलापूर्ति योजना के तहत 4 हजार लीटर छमता वाली सोलर जलमीनार का निर्माण किया गया था, परंतु पांच महीनों पूर्व जलमीनार खराब हो चुका है।

इसी बस्ती में जल नल योजना के तहत एक ओर जलमीनार का निर्माण कार्य पिछले एक वर्ष से अधूरा है। लोग दुर्गम रास्ते से गुजरते पहाड़ के नीचे स्थित एक डांड़ी (डोभा) से पानी लाकर पीते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि टोला में एक कुंआ है, लेकिन गर्मी में उसका जलस्तर काफी नीचे चला गया। इस कारण विवश होकर लोग डाड़ी का पानी पीते हैं। ग्रामीण बिगनराम बेदिया, राजपाल बेदिया, हलधर बेदिया, निरंजन बेदिया आदि ने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान को लेकर कई बार विभाग के अधिकारी को अवगत कराया, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। वहीं ग्रामीण व पूर्व वार्ड सदस्य दयाल बेदिया ने कहा कि समस्या को लेकर मुखिया को जानकारी देने पर उन्होंने ग्राम सभा में शिकायत दर्ज कराने के कहा था। ग्राम सभा में शिकायत दर्ज कराने के तीन महीने बीत गए, मगर अभी तक मरम्मत नहीं की गई है। ग्रामीण रमनी देवी, मंजु देवी, पुरनी देव, शुकुरमनी देवी आदि ने बताया कि हम लोगों के टोला में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण खाना बनाने और पीने के लिए डाड़ी के पानी का उपयोग करना पड़ता है। पेयजल की समाधान के प्रति किसी का ध्यान नहीं है। मुखिया हो या अधिकारी कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसं संबंध में मुखिया सावन देवी से संर्पक करने का प्रयास किया गया, परंतु उनसे बात नहीं हो पायी। जलनल योजना के निर्माणाधीन जलमीनार के लिए दो बोरिंग किया गया, पर प्रयाप्त पानी नहीं मिलने के कारण कार्य अधूरा पड़ा है। वहीं लघु जलापूर्ति योजना के जलमीनार के खराब होने से जलापूर्ति बंद होने की जानकारी मिली है। इसका सूचना स्थानीय मुखिया एवं जल सहिया को दे दी गई थी। वहीं विभाग के पास मरमत कार्य के लिए फंड नहीं है। 15वीं फाइनेंस के तहत उसका मरमत किया जाना है। -मोहन सिंह मुंडा, जेई।

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