पाकिस्तानी ड्रोन-मिसाइल हुए फुस्स; आकाशतीर सिस्टम, L-70 एयर डिफेंस गन्स ने कुछ यूं किया कमाल
आकाशतीर सिस्टम कई सोर्सेज से डेटा इकट्ठा करता है, उसे प्रोसेस करता है और रियल-टाइम में ऑटोमेटेड एंगेजमेंट डिसीजन लेने की इजाजत देता है। यह व्यापक C4ISR (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन्स, कंप्यूटर्स, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉन्सेन्स) फ्रेमवर्क का हिस्सा है।

भारत के स्वदेशी आकाशतीर सिस्टम और अपग्रेडेड L-70 एयर डिफेंस गन्स के कमाल कर दिखाया। इन हथियारों ने 9-10 मई को पाकिस्तान के सबसे घातक हवाई हमले के दौरान मिसाइलों और ड्रोन्स को रोकने में अहम भूमिका निभाई। L-70 एयर डिफेंस गन ऑपरेटर ने इस अपग्रेडेड एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'यह गन सिस्टम बहुत प्रभावशाली है। हमने दिखा दिया कि हमारे पास भी ऐसा सिस्टम है जो किसी भी टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकता है। यह लंबी दूरी से टारगेट को ट्रैक कर सकता है और उन पर लॉक कर सकता है। जैसे ही वो रेंज में आते हैं, तुरंत फायरिंग एक्शन लिया जाता है।'
सैनिक ने बताया कि L-70 सिस्टम ने टकराव के दौरान दुश्मन के ड्रोन्स को नष्ट करने में 100 फीसदी सफलता हासिल की। हमने सारे ड्रोन्स तबाह कर दिए। उन्होंने भविष्य के हवाई खतरों का जवाब देने की भारतीय सेना की क्षमता पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा, 'आगे भी अगर दुश्मन देश ड्रोन्स, एयरक्राफ्ट या मिसाइल्स भेजकर हम पर हमला करने की कोशिश करता है, तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा। हमारे पास उन्हें हवा में ही नष्ट करने की ताकत है।'
आकाशतीर ने कुछ यूं किया कमाल
आकाशतीर भारत का पूरी तरह स्वदेशी और ऑटोमेटेड एयर डिफेंस कंट्रोल एंड रिपोर्टिंग सिस्टम है। इसने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान आने वाले प्रोजेक्टाइल को रोककर निष्क्रिय कर दिया। यह अब केवल डिफेंस जर्नल्स तक सीमित कॉन्सेप्ट नहीं है, बल्कि भारत के एयर डिफेंस का करारा हथियार बन चुका है। आधिकारिक बयान में कहा गया, 'मानो जैसे अंधेरी रात में एक नया योद्धा जागा हो। यह फाइटर जेट की तरह गरजा नहीं, न ही मिसाइल की तरह चमकता है। यह सुनता है और कैलकुलेट करता है। इसके बाद हमला किया जाता है। आकाशतीर वह अनदेखी दीवार बना, जिसने 9 और 10 मई की रात को पाकिस्तान के सबसे घातक हमले को रोक दिया, जब उसने भारतीय सैन्य और सिविलियन इलाकों पर मिसाइल्स और ड्रोन्स की बौछार की थी।'
चीन के भरोसे बैठा था पाकिस्तान
पाकिस्तान की बात करें तो वो चीनी HQ-9 और HQ-16 सिस्टम्स पर निर्भर था, जो भारतीय हमलों को डिटेक्ट और इंटरसेप्ट करने में फेल हो गए। आकाशतीर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के जवाबी हमले के दौरान रियल-टाइम, ऑटोमेटेड एयर डिफेंस वारफेयर में बादशाहत दिखाई। बयान में कहा गया, 'उनके और उनके टारगेट्स के बीच में सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के प्रति सालों का विश्वास था। आकाशतीर ने दिखा दिया कि वो दुनिया में मौजूद किसी भी सिस्टम से तेज देखता, फैसला लेता और वार करता है। इसमें इंटीग्रेटेड सेंसर्स में टैक्टिकल कंट्रोल रडार REPORTER, 3D टैक्टिकल कंट्रोल रडार्स, लो-लेवल लाइटवेट रडार और आकाश वेपन सिस्टम का रडार शामिल हैं। इनसे यह तकनीक बेहद अचूक हो जाती है।