भारत-पाक संघर्ष के दौरान नहीं दिखा परमाणु हमले का सिग्नल, विदेश सचिव ने खारिज किया ट्रंप का दावा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान की तरफ से हुए कायराना हमले और भारत की कार्रवाई की पूरी जानकारी संसदीय पैनल को दी है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसदीय समिति को बताया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में खत्म हुआ संघर्ष पारंपरिक तरीके तक ही सीमित रहा और पड़ोसी देश की ओर से परमाणु हमले के कोई संकेत नहीं दिए गए थे। सूत्रों ने बताया है कि विक्रम मिस्री ने सरकार के इस रुख को भी दोहराया है कि सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था। इसके साथ ही विक्रम मिस्री ने संघर्ष रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गए दावों को भी खारिज किया है।
बता दें कि इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप कई बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर इस संघर्ष को खत्म करवाया। ट्रंप के यह दावा भी किया है कि अगर वह भारत-पाक के बीच समझौता नहीं करवाते तो यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था। इसे लेकर संसदीय दल में मौजूद कुछ विपक्षी सांसदों ने सवाल भी उठाए। हालांकि भारत ने यह स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच हुई सीधी बातचीत के बाद ही सीजफायर पर निर्णय लिया गया।
दोनों देशों के बीच हुई थी सीधी बात
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसदीय पैनल को ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी देते हुए दोहराया कि संघर्ष विराम पर पहुंचने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच DGMO स्तर पर हुई बातचीत के बाद 10 मई को सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी थी।
चीनी हथियारों पर क्या बोले?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की इस बैठक में TMC के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा की अपराजिता सारंगी और अरुण गोविल सहित कई सांसदों ने हिस्सा लिया। विदेश सचिव ने इस दौरान यह भी कहा कि हमले के दौरान पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया या नहीं किया यह महत्वपूर्ण नहीं है। विक्रम मिस्री ने कहा कि इससे ज्यादा अहम यह है कि सशस्त्र बलों ने भारत के सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों का करारा जवाब दिया है।
किराना हिल्स को लेकर भी भारत ने दिया है जवाब
इससे पहले भारत ने किराना हिल्स में परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की रिपोर्टस को भी खारिज कर दिया था। एयर मार्शल ए.के. भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुष्टि की थी कि भारतीय सशस्त्र बलों ने किराना हिल्स में परमाणु सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया।