बुद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई उत्तर वाहिनी गंगा में डुबकी
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। गर्मी के बावजूद, बादल छाए रहने से श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व...

राजमहल, प्रतिनिधि। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को शहर के सूर्य देव घाट, फेरी घाट, संगत घाट ,रामघाट बजरंग घाट, आदि गंगा घाटों पर उत्तरवाहिनी गंगा में शहर , प्रखंड सहित बरहरवा,बरहेट,बोरीयो,तीन पहाड़,केला बाड़ी,माधो पाड़ा,पाकुड़ आदि अन्य जगहों से आए श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। और विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना किया। पिछले कई दिनों से हीट वेव के कारण अहले सुबह से ही विभिन्न गंगा घाटों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगने लगा था। हालांकि सोमवार को आसमान में बादल छाए हुए थे इसलिए श्रद्धालुओं को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। बुद्ध पूर्णिमा पर पतित पावनी उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है।वैशाख
मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी तिथि को कठिन साधना के बाद बौद्धत्व प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार कहा गया है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है। बुद्ध पूर्णिमा के श्रद्धालुओं में बाजार में फल फूल पूजा की सामग्री की जमकर खरीदारी किया। वैशाख पूर्णिमा का महत्व और पुण्य लाभ: पौराणिक कथा के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा को समुद्र मंथन के बाद दैत्यों के संहार के बाद समस्त साम्राज्य देवताओं को प्राप्त हुआ था। यह तिथि समस्त पापों का नाश करने वाली, पुत्र-पौत्रादि का फल देने वाली है। इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य को भगवान विष्णु के चरणों में स्थान मिल जाता है।
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