Dishoam Baja Festival Celebrated with Grandeur in Saraykela दिशोम जाहेरगढ़ राजनगर में धूमधाम से मना दिशोम बाहा पर्व, उमड़ा जन सैलाब, Saraikela Hindi News - Hindustan
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दिशोम जाहेरगढ़ राजनगर में धूमधाम से मना दिशोम बाहा पर्व, उमड़ा जन सैलाब

सरायकेला में आदिवासी दिशोम जाहेरगढ़ समिति द्वारा शनिवार को दिशोम बाहा पर्व धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने प्रकृति के प्रति आदिवासी समाज के गहरे संबंध की बात की। नायके...

Newswrap हिन्दुस्तान, सराईकेलाMon, 17 March 2025 02:52 AM
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दिशोम जाहेरगढ़ राजनगर में धूमधाम से मना दिशोम बाहा पर्व, उमड़ा जन सैलाब

सरायकेला, संवाददाता आदिवासी  दिशोम  जाहेरगढ़ समिति राजनगर की ओर से शनिवार को धूमधाम से दिशोम बाहा पर्व मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि खरसावां विधायक दशरथ गागराई, उनकी धर्मपत्नी बसंती गागराई, डॉ. शुभेन्दु महतो, कृष्णा बास्के, रामजीत हांसदा, रमेश हांसदा, प्रमुख आरती हांसदा, सोनाराम मुर्मू सहित अन्य उपस्थित थे। विधायक दशरथ गागराई ने जाहेरगढ़ में मत्था टेका और सिंहबोंगा से राज्य क़ी खुशहाली क़ी कामना क़ी। इस दौरान नायके बाबा विशु हेंब्रम के हाथों साल का फूल ग्रहण किया। सम्बोधित करते हुए दशरथ गागराई ने कहा कि आदिवासी समाज सृष्टि की रचना के समय से ही प्रकृति से जुड़े हैं। प्रकृति के साथ आदिवासियों का गहरा संबंध है। आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं। बाहा बोंगा प्रकृति से जुड़ा पर्व है। यह पर्व प्रकृति से प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने कहा जिस तरह आदिवासी हो समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार माघे पर्व होता है। उसी प्रकार आदिवासी संथाल समुदाय बाहा पर्व को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। दिशोम बाहा पर्व समस्त आदिवासी समाज का पर्व है। बाहा पर्व में पर्यावरण संरक्षण का संदेश छिपा है।

वहीं इससे पूर्व नायके बाबा विशु हेम्ब्रम ने श्यामनगर स्थित दिशोम जाहेरगढ़ में संथाली रीति रिवाज एवं पारंपरिक वेशभूषा में  बाहा बोंगा किया। नायके विशु ने आदिवासियों के सबसे बड़े ईश्वर मरांग बुरु ,जाहेर आयो, लिटा गोसांई, मोणे को तुरुय को एवं माझी हड़ाम के नाम साल का फूल एवं महुआ का फूल चढ़ाकर पूजा अर्चना की। नायके बाबा ने उपस्थित सभी महिला पुरुषों को साल का फूल प्रदान किया। जिसे महिलाओं ने अपने बाल के जुड़े में लगाया। वहीं पुरुषों ने कान में साल के फूल लगाए। दिशोम महापर्व में दूरदराज से आदिवासी संथाल समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सम्मिलित हुए।  बाहा पर्व में आदिवासियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। नायके बाबा को बाहा नृत्य करते हुए दिशोम जाहेरगढ़ से मुड़ियापाड़ा स्थित उनके आवास तक पहुँचया गया। इस दौरान महिला पुरुषों ने मंदार की थाप पर जमकर  बाहा  नृत्य किया।  बाहा नृत्य प्रोसेशन को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पुलिस प्रसाशन क़ी पर्याप्त तैनाती रही। आवास पहुंचने पर नायके बाबा विशु हेम्ब्रम का पारंपरिक रीति रिवाज से पांव धोकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष बीजू बास्के, सोमनाथ सोरेन, मुनिराम हेम्ब्रम, सीताराम हांसदा, सतीलाल हांसदा, मोतीलाल गौड़, भक्तु मार्डी, धनु टुडू, सालखन हांसदा, सोनाराम मार्डी, शिशुराम टुडू, सुकिन मार्डी, मंगल सोरेन, मुनीराम हेंब्रम, सुखदा हांसदा, चंद्रेश्वर मुर्मू, रायसेन मार्डी, सुनील टुडू, सूरज टुडू आदि का अहम योगदान रहा।

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