बच्चों की खुशी के लिए सब कुछ न्योछावर करने वाले इंसान को कहा जाता है पापा
सिमडेगा के एतवा उरांव ने विपरीत परिस्थितियों में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। फोर्थ ग्रेड में नौकरी करने के बावजूद, उन्होंने अपने चारों बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी। आज उनके बच्चे उच्च...

सिमडेगा, जिला प्रतिनिधि। रविवार को फादर्स डे मनाया जाएगा। पिता एक ऐसा शब्द है जिससे हम सबों के जीवन की नींव मजबूत होती है। अपनी इच्छाओं को पीछे रखकर बच्चों की खुशियों के लिए सब कुछ न्योछावर करने वाले इंसान को पापा कहकर पुकारा जाता है। दुनिया में मां के लिए काफी कुछ कहा गया है। लेकिन पिता की भुमिका जीवन में काफी महत्व रखती है। वैसे तो सभी पिता अपने बच्चों के लिए आदर्श होते है। लेकिन हम यहां एक ऐसे पिता की कहानी बता रहे है जो विपरित परिस्थिति में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर उंचे ओहदे पर पहुंचाया है।
ठेठईटांगर प्रखंड के रेफरल अस्पताल में फोर्थ ग्रेड में नौकरी करने वाला एतवा उरांव एक अच्छे पिता के रुप में जाने जाते है। गुमला जिला के एक अति पिछड़ा क्षेत्र से मैट्रिक पास कर एतवा उरांव ने ठेठईटांगर रेफरल अस्पताल में 1992 में पुरुष कक्ष सेवक के रूप में अपना योगदान दिया था। एतवा उरांव के दो पुत्र और दो पुत्री है। फोर्थ ग्रेड में नौकरी करने के बावजुद एतवा ने अपने चारों बच्चों की शिक्षा देने में कोई कसर नही छोड़ी। वही उनके बच्चों ने भी पिता के त्याग देख उनके सपनो को पूरा करने में कोई कसर नही छोड़ी। आज उनके चारो बच्चे अच्छे पदों में कार्यरत है। सबसे बड़ा पुत्र बिंदेश्वर भगत ने रांची गोस्सनर कॉलेज से शिक्षा प्राप्त कर एमपीडब्लू के रूप रेफरल अस्पताल ठेठईटांगर में ही योगदान दिया। वही पुत्री संगीता कुमारी ने बीआईटी सिंदरी से इंजीनियरिंग पढ़ाई की। आज वो एमपी में बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत है। वही दूसरा पुत्र सतीश उरांव बिटीटी रांची से सिविल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा पास की। आज वो सिमडेगा नगर परिषद में कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत है। वहीं छोटी बेटी रिणान्ती कुमारी रांची यूनिवर्सिटी से एमसी तक पढ़ाई की। आज वो बीएसएफ में अच्छे पद में कार्यरत है। चारो बच्चें अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता एतवा उरांव को देते है।
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