सदर अस्पताल में थैलेसीमिया रोग के 19 मरीज भर्ती: डीसी
विश्व थैलेसीमिया दिवस हर साल आठ मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य थैलेसीमिया रोग के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके लक्षण, उपचार की जानकारी ग्रामीणों को देना है। सदर अस्पताल के डीएस डॉ. राजेश कुमार...

सिमडेगा, जिला प्रतिनिधि। विश्व थैलेसीमिया दिवस प्रत्येक वर्ष आठ मई को मनाया जाता है। इसका उददेश्य थैलेसीमिया रोग के बारे में जागरुकता फैलाना, इसके लक्ष्ण, उपचार के बारे में ग्रामीणों को जानकारी देना। सदर अस्पताल के डीएस डॉ राजेश कुमार ने बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है। जिसमें हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन को ले जाता है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया रोग से पीड़ित लोगों में एनिमिया सहित अन्य जटिलताएं हो सकती है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया दो प्रकार की हो सकती है अल्फा थैलेसीमिया और बीटा थैलेसीमिया।
डॉ राजेश कुमार ने बताया कि शरीर में थकान और कमजोरी, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, हड्डियों की बनावट में बदलाव, विकास में देरी, बार-बार खून की कमी, तिल्ली का बढ़ना आदि इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सदर अस्पताल में 19 थैंलेसीमिया रोग के मरीज भर्ती है। जिनका इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने, इसके लक्षण, निदान और उपचार के विकल्पो के बारे में लोगों को शिक्षित करने के उददेश्य के साथ मनाया जाता है।
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