पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मोटी क्यों होती हैं महिलाएं? सोच में डाल देंगी ये 5 वजह
मोटापे की दर देखी जाए तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा मोटापे की शिकार हैं। सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे क्या वजह है। कोई एक ठोस वजह बता पाना तो मुश्किल है लेकिन कुछ कारण जरूर जिम्मेदार हो सकते हैं।

पिछले कुछ दशकों में मोटापा एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है। आज लगभग हर दूसरा इंसान अपने बढ़ते वजन से परेशान है। इस वजह से कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। मोटापे की दर देखी जाए तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा मोटापे की शिकार हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS 5, 2019-20) के एक अध्ययन के अनुसार भारत में 24% महिलाएं ओवरवेट हैं, वहीं पुरुषों में यह आंकड़ा 22.9% है। जबकि पेट की गोलाई के हिसाब से 40 % महिलाएं और कुल 12% पुरुषों को मोटापा का शिकार माना गया है। उम्र, जगह और लाइफस्टाइल के बदलते ही ये अंतर और भी ज्यादा गहरा और चिंताजनक हो जाता है। सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे क्या वजह है। कोई एक ठोस वजह बता पाना तो मुश्किल है लेकिन कुछ कारण जरूर जिम्मेदार हो सकते हैं। आइए इन्हें जानते हैं।
महिलाओं में ज्यादा होते हैं हार्मोनल बदलाव
पुरुषों की तुलना में महिलाओं की बॉडी कई हार्मोनल बदलावों से गुजरती है। प्यूबर्टी, पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के दौरान उनके हार्मोन काफी ऊपर-नीचे होते रहते हैं। ये हार्मोनल बदलाव महिलाओं के शरीर में फैट स्टोरेज को प्रभावित करते हैं। खासतौर से बॉडी के निचले हिस्से जैसे जांघ और कूल्हे, पेट और कमर के निचले हिस्से में चर्बी जमा होना शुरू हो जाती है। उदाहरण के लिए, प्रेगनेंसी के बाद इन हिस्सों में फैट काफी तेजी से बढ़ता है और इसे कम करना भी काफी मुश्किल हो जाता है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
भारत में ज्यादातर महिलाएं आज भी सारा दिन घर के कामों में बिजी रहती हैं। उन्हें लगता है कि इस तरह से उनका शरीर हिल-डुल तो रहा ही है, तो भला एक्सरसाइज की क्या जरूरत। जबकि घर का काम एक्सरसाइज का विकल्प नहीं है। ज्यादातर घर का काम थकाने वाला जरूर होता है लेकिन उसमें उस तरह से शरीर का मूवमेंट नहीं हो पाता कि ज्यादा कैलोरी बर्न हो पाएं। इसी वजह से महिलाओं की बॉडी में फैट स्टोर होता जाता है। जबकि पुरुष ज्यादातर बाहर निकलते हैं, पैदल चलते हैं, साइकिल इस्तेमाल करते हैं या जिम भी जाते हैं; जिस वजह से उनकी कैलोरी ज्यादा बर्न हो पाती हैं।
अपनी डाइट पर कभी ध्यान ना देना
अधिकतर महिलाएं क्या खा रही हैं, कभी इसपर ठीक से ध्यान ही नहीं देतीं। अपनी पसंद-नापसंद, उन्हें क्या खाने की जरूरत है; ये सब सोचकर तो वो अपनी डाइट प्लान ही नहीं करतीं। जिसका खामियाजा उनकी हेल्थ को भुगतना पड़ता है। आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाओं की डाइट में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और अन्य पोषक तत्व; पुरुषों के भोजन की तुलना में कम होते हैं। महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरंदाज करती हैं लेकिन परिवार की सेहत का पूरा ध्यान रखती हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं है।
स्ट्रेस और इमोशनल ईटिंग भी है वजह
अक्सर महिलाएं घर, रिश्तों और सामाजिक दबावों को झेलते-झेलते इतना थक जाती हैं कि इन सबसे डील करने के लिए वो इमोशनल ईटिंग करने लगती हैं। कई बार बिना भूख के खाना खा लेना, जरूरत से ज्यादा खा लेना, ज्यादा चीनी या तेल वाला खाना खाना; ये सब इमोशनल ईटिंग के ही लक्षण है। कई रिसर्च में भी ये बात सामने आई है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रेस का असर फैट स्टोरेज पर ज्यादा पड़ता है।
सेल्फ केयर के लिए समय ना निकालना
हमारे समाज में आज भी महिलाओं से ये अपेक्षा की जाती है कि वो अपना सारा समय सिर्फ घर और घरवालों को ही दें। ऐसे में अपने लिए थोड़ा समय निकालना महिलाओं को एक लग्जरी लगता है। बस इसी चक्कर में वो अपनी फिटनेस और हेल्थ को प्राथमिकता नहीं देतीं। खुद के लिए समय निकलना, वर्कआउट करना, जिम जाना, योग करना या सिंपल वॉक करने तक का टाइम कई महिलाएं नहीं निकाल पातीं। जिस वजह से उनका मोटापा बढ़ता ही जाता है।
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