दाल फ्राई और दाल तड़का में होता है फर्क, क्या आप जानते हैं?
- दाल भारत के हर हिस्से में खाई जाती है। अक्सर लोग दाल फ्राई और दाल तड़का को एक ही समझने की भूल करते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यहां जानिए दोनों में क्या अंतर होता है।

रेस्तरां के मेन्यू में खाने पीने की कई आइटम होती हैं। लेकिन एक आइटम जिसे देखकर अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं वह है दाल फ्राई और दाल तड़का। अधिकतर लोगों को लगता है कि ये दोनों एक ही डिश हैं। लगे भी क्यों न आखिर दोनों में एक जैसी दालों का इस्तेमाल जो होता है। लेकिन अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं। क्योंकि ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं। आइए, जानते हैं कि दोनों एक दूसरे से कैसे अलग है।
दाल फ्राई और दाल तड़के में क्या है अंतर
दाल तड़का और दाल फ्राई को लेकर लोग अक्सर यही सोचते हैं की दोनों एक जैसी ही होती हैं। आमतौर पर दोनों तरह की दालों को तूअर और मूंग या मसूर दाल से बनाया जाता है। दोनों में मसाले भी एक जैसे ही होते हैं, लेकिन बनाने की प्रक्रिया में कुछ खास अंतर होता है जिससे दोनों के स्वाद में फर्क होता है। इन दोनों तरह की दालों के बीच खास अंतर तड़के का है। दाल तड़का में दाल पकने के बाद तड़का डाला जाता है, जबकि दाल फ्राई में दाल पकाने के समय पर ही मसाले और प्याज डाले जाते हैं।
अलग है दोनों को बनाने की प्रक्रिया
दाल फ्राई के लिए टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों और मसालों को बहुत सारे मक्खन, घी या तेल में पकाया जाता है और फिर पकी हुई दाल को उस मिक्स में डालकर अच्छी तरह से मिलाया जाता है। जिससे दाल में की बनावट और स्वाद जबरदस्त हो जाता है। वहीं दाल तड़का के लिए लहसुन, सूखी मिर्च और पिसे हुए मसालों के साथ सब्जियों का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है। इसे भी गरम घी या तेल में हल्का तला जाता है और फिर पकी हुई दाल के ऊपर डाला जाता है। इससे ऊपर मसालों की एक अलग परत बन जाती है जिसे सर्व करने पर मिक्स किया जाता है।
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