प्रेमानंद जी महाराज ने बताया, होली के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये 4 काम
- प्रेमानंद जी महाराज ने सभी देशवासियों को संदेश देते हुए बताया है कि इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए। साथ ही उन्होंने होली मनाने का सही तरीका भी बताया है।

होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत, एकता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं कि होली ऐसा त्यौहार है जब बरसों का बैर भुलाकर एक दूसरे को प्यार के रंग में रंग देने का बिल्कुल सही मौका होता है। लेकिन कुछ लोगों की वजह से इस पवित्र त्यौहार की गरिमा भंग होती है। होली के नाम पर कई लोग नशे में धुत्त रहते हैं और अपने फूहड़पने पर उतर आते हैं। कपड़े फाड़ना, कीचड़ में लौटना और ना जानें कैसी-कैसी भद्दी हरकतें करते हैं, जिस वजह से हर कोई होली खेलना भी पसंद नहीं करता। इसी बारे में वृंदावन के श्री प्रेमानंद जी महाराज ने लोगों को जरूरी संदेश दिया है और बताया है कि होली पर क्या करने से बचना चाहिए। साथ ही उन्होंने होली मनाने का सही तरीका भी बताया है, जिसे हर किसी को जरूर जानना चाहिए।
होली पर ना करें किसी तरह का नशा
श्री प्रेमानंद जी महाराज ने सभी देशवासियों से विनती की है कि होली के दिन किसी भी तरह के नशे में लिप्त ना हों। कई लोग होली की मौज मस्ती के लिए शराब, हुक्का, ड्रग्स आदि का सेवन करते हैं; जो त्यौहार की पवित्रता और गरिमा को ठेस पहुंचाता है। महाराज जी कहते हैं कि नशा करने से मूढ़ता छा जाती है और कई बार लोग नशे में लड़ाई-झगड़ा कर बैठते हैं और अपनी ही हानि कर लेते हैं। महाराज जी कहते हैं कि जो लोग शराब पीते हैं या कोई भी नशा करते हैं, उन्हें होली के दिन अपनी इस बुराई को भी हमेशा के लिए दूर कर देना चाहिए।
किसी दूसरी महिला पर ना डालें गंदी नजर
श्री प्रेमानंद जी महाराज अपने संदेश में कहते हैं कि त्यौहार के नाम पर किसी भी महिला के साथ अभद्र आचरण ना करें। दूसरी महिलाओं पर किसी भी तरह की गंदी नजर ना डालें। उन्हें ठीक उस नजर से देखें जैसे अपनी बहन-बेटियों को देखते हैं। दरअसल होली पर कुछ लोग जानबुझकर महिलाओं के साथ छेड़खानी करने लगते हैं। रंग लगाने के बहाने उन्हें गलत तरह से छूने की कोशिश करते हैं। इन्हीं गंदी हरकतों के चलते अक्सर महिलाएं होली खेलने से बचती हैं।
होली पर ना करें मांसाहार
श्री प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि होली के दिन भूलकर भी मांसाहार ना करें। महाराज जी कहते हैं कि आप भले ही स्वयं जीवहत्या ना कर रहे हों लेकिन अगर आप मांस खाते हैं, तो आप भी पाप में बराबर के भागीदार हैं। होली एक पवित्र और धार्मिक त्यौहार है इसलिए इस दिन घर का बना हुआ शुद्ध शाकाहारी भोजन करें। घर में बनी गुजिया और पकवानों का भोग ठाकुर जी को लगाएं, उसके बाद खुद ग्रहण करें और त्यौहार का आनंद लें।
सही तरीके से खेलें होली
श्री प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि कुछ लोग होली पर बुरी हरकते करते हैं जैसे- एक दूसरे के मुंह पर कालिख पोतना, गोबर और कीचड़ से होली खेलना, कपड़े फाड़ना या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना। ऐसे लोग हिरण्यकश्यपु पक्ष के लोग हैं और त्यौहार की पवित्रता को भंग करने का काम करते हैं। महाराज जी कहते हैं कि होली के दिन एक दूसरे को गुलाल लगाएं, भगवान का ध्यान करें। इससे बेहतर होली नहीं हो सकती।
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