इन 5 लोगों से अपने बच्चों को रखें हमेशा दूर, वरना बचपन छिनने में नहीं लगेगी देर
कई बार कुछ ऐसे लोग बच्चे से टकरा जाते हैं, जो उसके बिहेवियर, कॉन्फिडेंस और यहां तक कि वैल्यूज को भी डैमेज कर सकते हैं। इसलिए जिम्मेदार पैरेंट्स होने के नाते आपको यह जानना जरूरी है कि किन लोगों से आपको अपने बच्चे को दूर रखना चाहिए।

बच्चों की सही परवरिश करना बेहद ही चैलेंजिंग काम है। कई बार तो जानें-अनजाने में ही कुछ ऐसी भूल हो जाती हैं, जो बच्चे की लाइफ पर बड़ा गहरा और नेगेटिव असर डाल सकती हैं। अब उदाहरण के लिए देखें तो आपका बच्चा स्कूल में,घर पर या पड़ोस में, रोजाना कई लोगों के कॉन्टैक्ट में आता है। कई लोगों से बच्चे की बातचीत भी होती है और कईयों से तो गहरा बॉन्ड भी बन जाता है। लेकिन कई बार इनमें कुछ ऐसे लोग बच्चे से टकरा जाते हैं, जो उसके बिहेवियर, कॉन्फिडेंस और यहां तक कि वैल्यूज को भी डैमेज कर सकते हैं। बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं आसपास वाले लोगों से होता है। इसलिए जिम्मेदार पैरेंट्स होने के नाते आपको यह जानना जरूरी है कि किन लोगों से आपको अपने बच्चे को दूर रखना चाहिए।
जो हर बात पर बच्चे को दिखाएं नीचा
कई बार घर पर आपके कुछ ऐसे दोस्त या रिलेटिव्स आते होंगे, जो बच्चे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते होंगे। ये टॉक्सिक लोग हमेशा बच्चे में कमियां ढूंढने में लगे रहते हैं। 'अरे इतने कम नंबर लाए', 'तुम्हें अभी तक ये भी करना नहीं आता', 'हमारा लड़का तो पढ़ाई में तुमसे बहुत तेज है'। ऐसे बातें करने वाले लोगों से बच्चों को हमेशा दूर रखना चाहिए। ये बातें बच्चों के कॉन्फिडेंस को खत्म करती हैं और वो खुद को ही नेगेटिव तरीके से देखने लगते हैं।
जो बच्चों से बनें ओवर फ्रेंडली
बच्चों को हमेशा ऐसे बड़े लोगों से दूरी बनाने को कहें जो उनसे ओवर फ्रेंडली होते हों। उनके साथ सीक्रेट बातें करते हों और मम्मी-पापा से कुछ भी बताने को मना करते हों। इसके साथ ही फिजिकल टच में भी बच्चों को सही बाउंड्री बताने की जरूरत है। अक्सर मामलों में बच्चों के शोषण की शुरुआत यहीं से होती है, जब कोई बड़ा आदमी पैरेंट्स की परमिशन के बिना बच्चों के साथ ज्यादा क्लॉज होना शुरू कर देता है। इसलिए बच्चों को पहले से ही हेल्दी बाउंड्री मेंटेन करना सिखाएं और उनसे कहें कि ऐसा कुछ भी महसूस होने पर वो तुरंत आपसे शेयर करें।
जिनकी भाषा और व्यवहार गलत हो
छोटे बच्चे अपने आपसास की चीजों को बड़ी जल्दी कैच करते हैं। इसलिए उन्हें ऐसे लोगों के कॉन्टैक्ट में बिल्कुल ना रहने दें जिनकी भाषा अभद्र हो और व्यवहार भी। जो लोग बात-बात पर गंदी गलियां देते हों, मार-पीट करते हों या हद से ज्यादा गुस्सा करते हों; ऐसे लोगों के आसपास भी बच्चों ना भटकने दें। क्योंकि बच्चा जब ये सब देखता है तो उसे लगता है ये करना ठीक है, और फिर वो भी यही सेम बिहेवियर अपना लेता है।
बहुत नेगेटिव सोच रखने वाले लोग
कुछ लोगों की सोच बड़ी नेगेटिव होती है। उन्हें हर बात में सिर्फ कमियां ही झलकती हैं और कोई नया काम करने से पहले ही वो उल्टा-सीधा सोचना शुरू कर देते हैं। ऐसे नेगेटिव लोगों से भी बच्चों को हमेशा दूर रखना चाहिए। 'अरे ये काम बहुत मुश्किल है, तुमसे नहीं होगा' या 'तुम रहने दो तुम्हारे बस की बात नहीं'; ऐसी बातें बोलकर ये बच्चे का कॉन्फिडेंस भी गिरा देते हैं और बच्चा भी फिर उनकी तरह नेगेटिव सोचना शुरू कर देता है। इसलिए हमेशा पॉजिटिव एटीट्यूड रखने वाले लोगों के साथ ही बच्चों को मिलवाना चाहिए।
बच्चे को करें दूसरों से कंपेयर
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो बच्चों को दूसरों से कंपेयर करना शुरू कर देते हैं। 'अरे मेरा बेटा तो तुमसे बहुत ज्यादा मार्क्स ले कर आया है', 'ये उतना सुंदर नहीं है जितना इसका भाई'; ऐसे ही ताने भरी बातें ये अक्सर बच्चों से बोलते हैं। ये बातें बच्चे को अंदर से तोड़ देती हैं और उसका कॉन्फिडेंस पूरी तरह हिल जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को भी बच्चों से दूर ही रखने में भलाई है।
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