Mother's day 2019: कितना अनूठा होता है मां-बेटी का रिश्ता
मां से सब कुछ सीखते-सीखते हम सब लड़कियां एक दिन थोड़ी-थोड़ी अपनी मां जैसी ही तो बन जाती हैं। मां-बेटी के रिश्ते का यही तो खास आयाम है। कल मदर्स डे है। इस मौके पर मां-बेटी के रिश्ते के अनूठेपन की पड़ताल...

मां से सब कुछ सीखते-सीखते हम सब लड़कियां एक दिन थोड़ी-थोड़ी अपनी मां जैसी ही तो बन जाती हैं। मां-बेटी के रिश्ते का यही तो खास आयाम है। कल मदर्स डे है। इस मौके पर मां-बेटी के रिश्ते के अनूठेपन की पड़ताल कर रही हैं स्वाति गौड़
कहते हैं कि दुनिया में सबसे खूबसूरत रिश्ता एक मां का अपने बच्चे के साथ होता है। वैसे तो हर मां को अपना बेटा और बेटी, दोनों ही समान रूप से प्यारे होते हैं, लेकिन फिर भी अपनी बेटी के साथ एक मां का रिश्ता जरा अलग-सा और बेहद खास होता है। ऐसा कहा भी जाता है कि हर बेटी अपनी मां की परछाई होती है और हो भी क्यों ना! जब एक बेटी जन्म लेती है, तो उसके रूप में हर मां फिर से अपना बचपन जीती है। वो मां ही होती है, जो अपनी बेटी की पहली शिक्षक भी होती है और सबसे अच्छी दोस्त भी होती है।
वैसे तो बदलते दौर में रिश्तों की परिभाषा काफी हद तक बदल गयी है, लेकिन फिर भी मां-बेटी का यह रिश्ता, एक ऐसा खट्टा-मीठा रिश्ता है, जिसमें उम्र का बड़ा अंतर होने के बाद भी हल्की-फुल्की नोक-झोंक भी है और साथ ही बेस्ट फ्रेंड वाले जज्बात भी हैं। तो क्या आपने भी कभी गौर किया है कि आपकी मां ही आपकी बेस्ट फ्रेंड है?
मां सब जानती है
मांओं के अंदर एक खास सुपर पावर होती है, जिसके जरिये मां आपके बारे में सब कुछ पता लगा लेती है। आपके साथ भी जरूर ऐसा हुआ होगा कि कभी अपनी दिक्कत या परेशानी मां से छिपाने की कोशिश की होगी, लेकिन उन्होंने आपकी नजरों में सब पढ़ लिया होगा। जब किसी रिश्ते में बिना कुछ
कहे ही सामने वाला आपकी सारी बातें समझ
जाता है, तो वह रिश्ता बेहद खास बन जाता है। इसीलिए मां-बेटी का रिश्ता सबसे अनोखा कहा जाता है।
मुसीबत में याद आती है मां
चाहे चोट लगी हो या कोई मुसीबत सिर पर आ पड़े, सबसे पहले जबान पर भगवान या मां का नाम ही आता है। दरअसल, मां के पास ना जाने कौन सी ऐसी जादू की छड़ी होती है कि वह पलक झपकते ही हमारी बड़ी से बड़ी परेशानी का हल निकाल देती है। चाहे वह पापा से पड़ने वाली डांट हो, अपनी पसंद की कोई चीज खरीदनी हो, कोई बात मनवानी हो, रिश्तों में हुई अनबन को सुलझाना हो या बीमारी की पीड़ा हो, सबसे पहले मां ही याद आती है।
मेरी गॉसिप पार्टनर
गॉसिप करना लड़कियों का सबसे पसंदीदा काम है। फिर बात चाहे शादी से पहले की हो या शादी के बाद की, एक लड़की के लिए उसकी मां से बढ़िया गॉसिप पार्टनर कोई नहीं। इस पार्टनरशिप की सबसे शानदार बात यह है कि आप अपनी मां के साथ अपने पिता से लेकर पति और ससुराल से लेकर मायके तक के रिश्तेदारों के बारे में दिल खोल कर गॉसिप कर सकती हैं और दोनों को इस काम में बराबर का आनंद आता है। वैसे घर-परिवारों के कुछ खास सीक्रेट भी इन्हीं गॉसिप सेशन के दौरान निकल कर सामने आते हैं। मां-बेटी का मूड अगर ठीक हो तो घंटों क्या, कई दिनों तक वे बातें और गॉसिप कर सकती हैं।
मास्टरशेफ है मेरी मां
मां के हाथों से बने लजीज पकवानों की कीमत एक बेटी से पूछिये। जब एक लड़की शादी के बाद अपने ससुराल में लजीज खाना पकाती है, तो उसे मिलने वाली वाहवाही में उसकी मां का ही योगदान होता है। मां के हाथों से बनी लजीज रेसिपी वह इतरा-इतराकर ससुराल में सबको बताती है। यही नहीं, एक बेटी अपने बच्चों को हर वह लजीज पकवान बनाकर खिलाना चाहती है, जो उसने खुद अपनी मां के हाथों से बचपन में खाये थे। इसलिए एक लड़की के लिए उसकी मां से बढ़कर कोई अन्य मास्टरशेफ हो ही नहीं सकता। इतना ही नहीं, बेवक्त लगी भूख में भी मां ही रसोई में जाकर खुशी-खुशी खाना बनाती है।
मैं भी मां के जैसी
आपका मूड और स्वभाव भी बहुत हद तक आपकी मां के मूड और स्वभाव पर निर्भर करता है। एक मां अपने बच्चों की परवरिश लगभग उसी तरह से करती है, जैसे उसकी मां ने उसे पाला था। मसलन, यदि मां के द्वारा आपको बचपन में बहुत सख्त अनुशासन में पाला गया था, तो बहुत हद तक संभव है कि आप भी अपने बच्चे की परवरिश उसी अनुशासन में करें।
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