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क्यों हो जाते हैं पिंपल, कैसे हट सकते हैं मुहांसों के निशान, यहां जानें

एक तय उम्र तक मुहांसों का होना बेहद सामान्य बात है। पर, कई दफा मुहांसे लंबे समय के लिए निशान छोड़ जाते हैं। क्यों होता है ऐसा और कैसे इनसे पाएं छुटकारा, बता रही हैं स्मिता

Kajal Sharma हिन्दुस्तानFri, 25 April 2025 04:09 PM
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क्यों हो जाते हैं पिंपल, कैसे हट सकते हैं मुहांसों के निशान, यहां जानें

चेहरे, छाती और पीठ पर मुहांसे के निशान होना बहुत आम हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक 11 से 30 वर्ष की आयु के लगभग 80% लोगों को मुहांसे हो जाते हैं और उनमें से पांच में से एक व्यक्ति को मुहांसे के निशान रह जाते हैं। किशोरों में जहां हार्मोनल बदलावों के कारण मुहांसे होते हैं, वहीं वयस्कों में तनाव, पर्यावरण, पीरियड, तेल आधारित उत्पाद और गर्भनिरोधक गोलियां भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। वयस्कों में भी हॉर्मोनल बदलाव के कारण मुहांसे होते हैं।

क्यों होते हैं मुहांसे?

त्वचा की तीन मुख्य परतें होती हैं- एपिडर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस। ये परतें शरीर के नाजुक अंदरूनी हिस्सों को बाहरी धूल-कण, यूवी किरणों और बैक्टीरिया से बचाती हैं। वे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में विटामिन-डी का उत्पादन करने में भी मदद करती हैं। वसा की मौजूदगी वाला कोई भी क्षेत्र मुहांसे से ग्रस्त हो सकता है। दरअसल त्वचा में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनसे तेल और पसीना सतह पर आते हैं। बैक्टीरिया, तेल और मृत त्वचा छिद्रों को भर देती है और उनमें सूजन पैदा कर मुहांसे बना देती है। हर घंटे त्वचा की लगभग 40,000 कोशिकाएं मृत होती हैं। कभी-कभी ये मृत कोशिकाएं रोमछिद्रों को बंद कर देती हैं। बंद रोमछिद्र आकार में छोटे व्हाइटहेड्स या ब्लैकहेड्स का कारण बनते हैं।

क्यों पड़ते हैं मुहांसे के निशान?

सीनियर डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. गीतिका सनोदिया बताती हैं, ‘मुहांसे के दाग सूजन का परिणाम होते हैं। मुहांसे के छिद्र सूज जाते हैं और छिद्र की दीवार में टूट-फूट हो जाती है। इसके कारण निशान पड़ जाते हैं। कुछ मुहांसे के दाग छोटे होते हैं। वहीं, बड़े निशान उथले होते हैं और जल्दी ठीक हो जाते हैं। कभी-कभी मुहांसे की सामग्री आसपास के ऊतकों में फैल जाती है और गहरे निशान पैदा करती है। त्वचा घाव और मुंहासे को ठीक करने में मदद करने के लिए कोलेजन (मरम्मत ऊतक) बनाती है। ऊतक के नुकसान के कारण निशान विकसित होता है। उसके कारण त्वचा की सतह पर एक गड्ढा बन जाता है। सभी मुहांसे के निशान नहीं पड़ते हैं। अगर त्वचा बहुत अधिक कोलेजन बनाती है, तो उभरे हुए निशान बन जाते हैं।’

निशान को ये देंगे मात

लेजर रिसर्फेसिंग: डॉ. गीतिका सनोदिया बताती हैं, ‘ लेजर रिसर्फेसिंग इन दिनों तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह अकसर उन निशानों पर इस्तेमाल किया जाता है, जिनका पहले डर्माब्रेशन से इलाज किया जा चुका है। लेजर रिसर्फेसिंग तकनीक आजमाने पर गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों के लिए साइड इफेक्ट का जोखिम बढ़ सकता है।

सॉफ्ट टिश्यू फिलर्स: इस विधि में त्वचा के नीचे कोलेजन वसा या अन्य पदार्थों को

इंजेक्शन की मदद से डाला जाता है। इससे उभरे हुए निशान वाले स्थान की त्वचा को मोटा कर दिया जाता है। इससे निशान कम दिखाई देते हैं पर, मुहांसे के निशान से छुटकारा पाने का यह अस्थायी तरीका है।

स्टेरॉयड इंजेक्शन: कुछ प्रकार के उभरे हुए निशानों में स्टेरॉयड को इंजेक्ट करने से त्वचा की बनावट में सुधार हो सकता है।

ऊर्जा-आधारित प्रक्रिया: यह प्रक्रिया त्वचा की बाहरी परत को नुकसान पहुंचाए बिना उपयोग में लाई जाती है। इसमें बहुत अधिक प्रकाश और रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस निशानों को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रक्रिया को भी बार-बार आजमाने की जरूरत पड़ती है।

डर्माब्रेशन: यह प्रक्रिया आमतौर पर अधिक गंभीर निशानों के लिए अपनाई जाती है। इसमें त्वचा विशेषज्ञ तेजी से घूमने वाले ब्रश या अन्य उपकरण से त्वचा की ऊपरी परत को हटा देते हैं।

केमिकल पीलिंग: त्वचा की ऊपरी परत को हटाने और गहरे निशानों को कम करने के लिए निशान वाले स्थान के नीचे ऊतक पर एक रासायनिक घोल लगाया जाता है। सकारात्मक परिणाम पाने के लिए यह प्रक्रिया दोहराई भी जाती है।

बोटॉक्स इंजेक्शन: त्वचा के नीचे ऊतक में कोलेजन गठन को उत्तेजित करने के लिए डॉक्टर त्वचा पर एक सुई लगी हुई डिवाइस को घुमाता है। यह मुहांसे के निशान से छुटकारा पाने का प्रभावी तरीका है।

ये घरेलू नुस्खे भी हैं कारगर

1 सनस्क्रीन का उपयोग करने से त्वचा पर मुहांसे के निशान नहीं दिखते हैं। लेकिन इन्हें उपचार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सनस्क्रीन का प्रभाव खत्म होने के बाद निशान दोबारा से दिखने लगते हैं।

2 एक चम्मच हल्दी पाउडर में दो चम्मच एलोवेरा जेल और एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं, 15-20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें। लगातार और लंबे समय तक इसका प्रयोग करने पर मुहांसे के दाग हल्के हो सकते हैं।

3 शहद, हल्दी और एलोवेरा जेल विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट और फैटी एसिड से भरपूर होता है। एलोवेरा, शहद और हल्दी का फेस पैक बनाकर मुहांसों पर लगाएं। ये प्राकृतिक रूप से काले धब्बे हटा सकते हैं। अच्छा परिणाम पाने के लिए इस फेस पैक को लगातार 1 साल तक लगाना चाहिए।

4 एजेलिक एसिड और हाइड्रॉक्सिल एसिड युक्त क्रीम मुहांसों के निशानों के उपचार में प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन वे अलग-अलग ढंग से काम करते हैं। एजेलिक एसिड सूजन को कम करने, बैक्टीरिया को मारने और काले धब्बों को हल्का करने की क्षमता रखते हैं। ग्लाइकोलिक एसिड या लैक्टिक एसिड जैसे अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिड मुख्य रूप से त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते हैं।

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