ऊंचे पहाड़ों पर ही क्यों बसे हैं देवी-देवताओं के अधिकतर मंदिर? हर किसी को जाननी चाहिए वजह!
हमारे देश में कई तीर्थस्थल बसे हुए हैं लेकिन इन सभी में एक बात कॉमन है कि ये सब पहाड़ों पर बसे हुए हैं। क्या आपके कभी सोचा है कि इसके पीछे की वजह क्या है? आइए जानते हैं।

भारत में लोगों की आस्था से जुड़े हुए कई प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं। केदारनाथ, बद्रीनाथ, वैष्णो देवी, अमरनाथ, तिरुपति और पालनी जैसे ये अनेकों तीर्थस्थल ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है, जहां पहुंचने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालुओं को लंबी यात्रा करनी पड़ती है। कठिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, तब जाकर कही उन श्रद्धालुओं को मंदिर में भगवान का दर्शन करने का मौका मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर अधिकतर तीर्थस्थल ऊंची पहाड़ियों पर ही क्यों बनाए गए हैं। क्या इसके पीछे कोई धार्मिक, आध्यात्मिक या प्राकृतिक कारण हैं, या ये मात्र एक संयोग है ? चलिए जानते हैं।
पहाड़ों पर इसलिए बसे हैं देवी से जुड़े तीर्थस्थल
वेदों और पुराणों में बताया गया है कि यह सृष्टि पांच मूलभूत तत्वों- जल, वायु, अग्नि, भूमि और आकाश से बनी है। इन तत्वों के देवता भी माने गए हैं, जैसे भूमि के देवता शिव हैं, वायु के देवता विष्णु, जल के देवता गणेश, अग्नि के अग्निदेव और आकाश के सूर्य। वहीं माता दुर्गा, जो शक्ति का रूप हैं, उन्हें इन सभी से श्रेष्ठ माना गया है। पहाड़ों को धरती का मुकुट और सिंहासन कहा गया है, इसलिए देवी के अधिकतर मंदिर पहाड़ों पर बनाए गए, जिससे यह प्रतीक बन सके कि देवी सर्वोपरि हैं और सिंहासन पर विराजमान हैं।
आध्यात्मिक ऊँचाई का प्रतीक
पर्वतों को हमेशा से ही आध्यात्मिक ऊँचाई और ईश्वर से निकटता का प्रतीक माना गया है। जब कोई व्यक्ति ऊँचाई की ओर चढ़ता है, तो वह धीरे-धीरे दुनिया की भागदौड़ से दूर होता चला जाता है। यह दूरी उसे अपने अंदर झाँकने और शांत मन से ईश्वर के बारे में सोचने का अवसर देती है। इसी वजह से पुराने समय में ऋषि-मुनि भी ध्यान और साधना के लिए पहाड़ों पर जाते थे। जहां वो शांत मन से ईश्वर का ध्यान कर सकते हैं। ऐसे में अधिकतर तीर्थस्थलों को ऊंची पहाड़ी पर बनाए जाने की एक खास वजह ये भी है।
शांत वातावरण और प्राकृतिक ऊर्जा
पहाड़ों का वातावरण स्वच्छ, शांत और प्रदूषण रहित होता है। ऐसी जगहों पर मानसिक शांति मिलती है, जो भक्ति और ध्यान के लिए जरूरी होती है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में वायुमंडलीय दबाव और हवा की शुद्धता से मन और शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यही कारण है कि तीर्थस्थलों को ऐसे स्थलों पर बनाया गया, जहाँ व्यक्ति बाहरी दुनिया से दूर रहकर मन में शांति को महसूस कर सके।
सुरक्षा भी है एक कारण
पुराने समय में जब देश पर हमले होते थे, तो हमलावर अधिकतर मंदिरों को लूटने की कोशिश करते थे। ऐसे में ऊंची पहाड़ियों पर बने मंदिरों को अधिक सुरक्षित माना जाता था। दरअसल इन स्थानों तक पहुँचना बहुत कठिन होता था, जिससे वहाँ हमला करना आसान नहीं होता था। ऐसे में कई पुराने मंदिरों को ऊँचाई पर बनाए जाने का एक कारण ये भी है।
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