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MP के नाम बड़ी उपलब्धि, इस क्षेत्र में AI इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बना; जानिए होंगे क्या फायदे?

अधिकारी के अनुसार यह सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच संवेदनशील वन संभागों शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा में लागू किया जा रहा है, जहां अतिक्रमण और पेड़ों की कटाई की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

Sourabh Jain पीटीआई, भोपाल, मध्य प्रदेशTue, 29 April 2025 05:10 PM
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MP के नाम बड़ी उपलब्धि, इस क्षेत्र में AI इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बना; जानिए होंगे क्या फायदे?

मध्य प्रदेश राज्य ने एक बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। वह सक्रिय वन प्रबंधन के लिए सैटेलाइट फोटोज, मोबाइल फीडबैक और मशीन लर्निंग का उपयोग करके AI-आधारित रियल टाइम अलर्ट सिस्टम (चेतावनी प्रणाली) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस तकनीक का उपयोग वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण से बचाने, भूमि उपयोग परिवर्तन और जंगलों में कटाई का पता लगाने के लिए किया जाएगा।

अधिकारी ने आगे कहा, 'राज्य में सक्रिय वन प्रबंधन की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है। यह सिस्टम सैटेलाइट फोटोज, मोबाइल फीडबैक और मशीन लर्निंग की मदद से काम करता है।' उन्होंने बताया कि यह सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच संवेदनशील वन संभागों शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा में लागू की जा रही है, जहां अतिक्रमण और पेड़ों की कटाई की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अधिकारी ने बताया कि इसका क्रियान्वयन राज्य स्तर पर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गूगल अर्थ इंजन पर आधारित, AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) अलर्ट सिस्टम उपग्रह डेटा का विश्लेषण करता है और कस्टम एआई मॉडल का उपयोग करके भूमि उपयोग परिवर्तनों की पहचान करता है। जिससे कि जमीन में हुए किसी भी तरह के परिवर्तन का तुरंत पता चल जाता है। इसके बाद वहां पता चली हर एक परिवर्तन की जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से फील्ड स्टाफ को भेजी जाती है, ताकि वे साइट पर जाकर इसकी पुष्टि कर सकें।

वन प्रबंधन के लिए AI प्रणाली की अवधारणा तैयार करने वाले गुना प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) अक्षय राठौर ने कहा कि यह पहली बार है जब वन विभाग ने उपग्रह, AI और फील्ड फीडबैक को लगातार एक जैसी चलने वाली प्रक्रिया में जोड़ा है, जो समय के साथ खुद को बेहतर बनाती है। यह प्रणाली वन बल प्रमुख (HoFF) असीम श्रीवास्तव और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (आईटी) बीएस अन्निगेरी के नेतृत्व और संस्थागत समर्थन के तहत कार्यान्वित की गई है।

राठौर ने कहा, 'यह सिस्टम वन कर्मचारियों को निगरानी करने और तुरंत कार्रवाई करने में सक्षम बनाती है। अलर्ट जनरेशन और फीडबैक प्रक्रिया में गूगल अर्थ इंजन का उपयोग करके तीन अलग-अलग तारीखों की सैटेलाइट फोटोज की तुलना करके फसलों, बंजर भूमि, निर्माण आदि में बदलावों की पहचान करके प्रारंभिक अलर्ट जारी करना शामिल है।'

एक अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक अलर्ट में 20 से अधिक विशेषताएं शामिल हैं, जैसे कि उल्लेखनीय पिक्सेल परिवर्तनों द्वारा ट्रिगर किए गए पॉलीगॉन अलर्ट, मोबाइल ऐप अलर्ट के लिए फ़ील्ड सत्यापन और फ़ील्ड स्टाफ़ द्वारा डाली गई जानकारी जिसमें जगह की जानकारी के साथ टैग की गई GPS फोटो, वॉयस नोट्स और टिप्पणियां शामिल हैं। इसमें NDVI, SAVI, EVI और SAR विशेषताओं जैसे इंडेक्स के साथ डेटा संवर्धन भी शामिल है।

 

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