Nagpur violence was pre planned what CM Devendra Fadnavis 50 held, 33 cops injured curfew continues after clashes पूर्व नियोजित थी नागपुर हिंसा, CM देवेंद्र फडणवीस क्या-क्या बोले; छावा से भी जोड़ा कनेक्शन, Maharashtra Hindi News - Hindustan
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पूर्व नियोजित थी नागपुर हिंसा, CM देवेंद्र फडणवीस क्या-क्या बोले; छावा से भी जोड़ा कनेक्शन

गृह विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भीड़ ने चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। यह (हमला) एक पूर्व नियोजित साजिश प्रतीत होती है।

Pramod Praveen भाषा, मुंबईTue, 18 March 2025 08:23 PM
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पूर्व नियोजित थी नागपुर हिंसा, CM देवेंद्र फडणवीस क्या-क्या बोले; छावा से भी जोड़ा कनेक्शन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर में हुई हिंसा साजिश प्रतीत होती है और भीड़ ने चुनिंदा घरों तथा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि ‘‘छावा’’ फिल्म ने मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ लोगों की भावनाओं को जगा दिया है।फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित विक्की कौशल अभिनीत फिल्म 'छावा' ने लोगों के सामने मराठा राजा का सच्चा इतिहास पेश किया है।मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी को औरंगजेब ने प्रताड़ित कर मरवा दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उसके (फिल्म के) बाद लोगों की भावनाएं फिर से जाग उठी हैं। औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा बड़े पैमाने पर प्रदर्शित हो रहा है।’’

बता दें कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंथ जलाया गया है। इसके बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। फडणवीस ने कहा कि हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और एक वरिष्ठ अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया।

चुनिंदा घरों को निशाना बनाया गया: फडणवीस

गृह विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ ने चुनिंदा घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। यह (हमला) एक पूर्व नियोजित साजिश प्रतीत होती है।’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोगों ने पहले से ही साजिश कर रखी थी। उनके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी और जिसने भी पुलिसकर्मियों पर हमला किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सामान्य स्थिति बहाल हो रही है।’’इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक विशिष्ट समुदाय को निशाना बनाने की साजिश थी।

घटनाक्रम की जानकारी देते हुए फडणवीस ने बताया कि सोमवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नागपुर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने घास-फूस से एक प्रतीकात्मक कब्र भी बनाई और उसमें आग लगा दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि दोपहर में गणेश पेठ पुलिस थाने में कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने से संबंधित धारा लगाई गई।

पथराव करने वालों के चेहरे ढके थे

शाम तक यह अफवाह फैल गई कि जिस प्रतीकात्मक कब्र में आग लगाई गई है, उसमें कुछ धार्मिक सामग्री है। उन्होंने बताया कि इसके बाद 200-300 लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और हिंसा करने की धमकी दी, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। फडणवीस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को गणेश पेठ थाना आने के लिए भी कहा गया था क्योंकि वे विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘जब पुलिस की कार्रवाई चल रही थी, तब हंसपुरी में 200-300 लोगों ने पथराव किया। उनके चेहरे ढके हुए थे। कुछ लोगों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया।’’

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मुख्यमंत्री के मुताबिक, तीसरी घटना शाम 7.30 बजे भालदारपुरा में हुई, जहां 80 से 100 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। इसलिए, उनसे निपटने के लिए आंसू गैस और हल्का बल प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि एक क्रेन और दो जेसीबी को आग के हवाले कर दिया गया।उन्होंने कहा, ‘‘तीन पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) सहित कम से कम 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि हमले में पांच लोग घायल हो गए और उनमें से एक गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में है।

11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू

फडणवीस ने बताया कि गणेश पेठ थाने में तीन मामले दर्ज किए गए हैं और तहसील थाने में दो मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 11 थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पत्थरों से भरी एक ट्रॉली बरामद की गई। हमने पाया कि कुछ लोगों ने पत्थर एकत्र किए थे। आगजनी हुई और वाहनों को आग लगा दी गई। कुछ घरों और प्रतिष्ठानों को पूर्व नियोजित तरीके से निशाना बनाया गया।’’फडणवीस ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने नागपुर के पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने दो समुदायों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। शिंदे ने कहा, ‘‘शाम 8 बजे 2,000 से 5,000 लोगों की भीड़ कैसे इकट्ठा हो सकती है? लोगों के घरों में बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए। एक अस्पताल में तोड़फोड़ की गई। अस्पताल में देवताओं की तस्वीरें जलाई गईं। पेट्रोल बम कहां से आए। पेट्रोल बम फेंके गए, कारों, मोटरसाइकिलों को आग लगा दी गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक खास इलाके में 100-150 बाइक खड़ी होती हैं और कल वहां कोई बाइक नहीं थी। इसका मतलब है कि यह एक खास समुदाय को निशाना बनाने की पूर्व नियोजित साजिश थी।’’ शिंदे ने कहा कि राज्य छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल से मुख्यमंत्री फडणवीस की तुलना औरंगजेब से करने के लिए माफी मांगने की भी मांग की।