581 CAPF companies, first time jammers, drones deployed to ensure safe 38 days Amarnath Yatra 58,000 जवान; जैमर और ड्रोन तैनात, पहली बार हाईटेक सुरक्षा में 38 दिनों की होगी अमरनाथ यात्रा, India News in Hindi - Hindustan
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58,000 जवान; जैमर और ड्रोन तैनात, पहली बार हाईटेक सुरक्षा में 38 दिनों की होगी अमरनाथ यात्रा

पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों से पहली बार अमरनाथ यात्रा को छोटा कर 38 दिवसीय कर दिया गया है। 2024 में यह यात्रा 52 दिनों की थी। 2023 में 62 दिन, 2022 में 43 दिन और 2019 में 46 दिनों तक बाबा बर्फानी की यात्रा चली थी।

Pramod Praveen एएनआई, नई दिल्लीThu, 5 June 2025 09:59 PM
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58,000 जवान; जैमर और ड्रोन तैनात, पहली बार हाईटेक सुरक्षा में 38 दिनों की होगी अमरनाथ यात्रा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद सरकार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार कर रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पहली बार अमरनाथ यात्रा के रूट पर जैमर और ड्रोन की तैनाती करने का फैसला किया गया है। इसके अलावा करीब 58,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)के जवान अमरनाथ यात्रा रूट पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा  करेंगे। पवित्र गुफा मंदिर और बाबा बर्पानी के दर्शन के लिए इस बार अमरनाथ यात्रा को छोटा कर 38 दिवसीय कराने का फैसला किया गया है।

ANI के मुताबिक, इस 38 दिवसीय तीर्थयात्रा के दौरान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए 581 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) कंपनियां, जैमर और ड्रोन की भारी तैनाती की जाएगी। एक कंपनी में करीब 100 से 124 स्टाफ होते हैं। इस लिहाज से CAPF के करीब 58000 जवानों की तैनाती की जाएगी।  इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य पवित्र यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरानाथ यात्रा की सुरक्षा हाईटेक और चाकचौबंद करने का फैसला लिया गया है। पहलगाम में 26 पर्यटक मारे गए थे।

3 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होगी यात्रा

शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बार अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होगी। पहली बार यह यात्रा 38 दिनों की होगी। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों का काफिला गुजरने के दौरान अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यात्रा मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों की ओर जाने वाली सभी सड़कों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। इन उपायों के अलावा, व्यापक तैनाती के रूप में मार्गों को सुरक्षित और साफ करने के लिए रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी), खतरों पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए त्वरित कार्रवाई दल (क्यूएटी), बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) विस्फोटकों का पता लगाएंगे और उन्हें निष्क्रिय करेंगे। इसके अलावा के9 यूनिट (विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्ते) और ड्रोन का उपयोग यात्रियों के जत्थे की जमीनी और हवाई निगरानी के लिए किया जाएगा।

पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर होगी सुरक्षा व्यवस्था

सूत्रों ने बताया कि ये व्यवस्थाएं अमरनाथ गुफा मंदिर तक जाने वाले पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर लागू होंगी। इस साल की यात्रा पिछले साल की 52 दिनों की तीर्थयात्रा की तुलना में छोटी है। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। सूत्रों ने बताया, “सुरक्षा, रसद और समग्र प्रशासनिक व्यवस्था की समीक्षा और उसे सुव्यवस्थित करने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड, संभागीय प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य CAPF के साथ नियमित उच्च-स्तरीय समन्वय बैठकें आयोजित की जा रही हैं।”

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CRPF के डीजी ने की थी समीक्षा

हाल ही में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने जमीनी तैयारियों की निगरानी करने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक उपाय सुनिश्चित करने के लिए पहलगाम, जम्मू, बेस कैंप और यात्री निवास सहित प्रमुख स्थलों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया था। इसके अलावा सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने भी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों की सोमवार को समीक्षा की थी।

3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है पवित्र गुफा

बता दें कि भगवान शिव को समर्पित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर का दर्शन करने के लिए हर साल हजारों हिंदू तीर्थयात्रा करते हैं। श्री अमरनाथ पवित्र गुफा जम्मू कश्मीर में हिमालय पर लगभग 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। हर साल लाखों भक्त उस शिवलिंग का दर्शन करने वहां जाते हैं। यह यात्रा आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह (जुलाई से अगस्त) के दौरान होती है।