सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक की महिला वकीलों को बड़ी सौगात, 30% आरक्षण देने का आदेश
इस बीच, कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी आज एक आदेश पारित कर कर्नाटक के सभी बार संघों में महिलाओं के लिए समान आरक्षण लागू करने का समर्थन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के महिला वकीलों को बड़ी सौगात दी है। कोर्ट ने कर्नाटक के जिला बार एसोसिएशनों की गवर्निंग काउंसिल में 30 फीसदी पद महिला वकीलों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने इससे पहले एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु (AAB) के चुनावों के संबंध में भी ऐसे ही निर्देश जारी किए थे और 24 जनवरी को पारित अपने आदेश में आदेश दिया था कि कोषाध्यक्ष का पद केवल महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले में एएबी के चुनावों के चीफ रिटर्निंग अफसर और उच्चाधिकार प्राप्त कमेटि को निर्देश दिया कि AAB की गवर्निंग काउंसिल में महिला वकीलों के लिए 30 फीसदी आरक्षण देने पर विचार करे।
कैसे आगे बढ़ा मामला
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पाया कि AAB के चुनाव उसके पहले के आदेशों के अनुसार ही हुए हैं। 28 जनवरी को कोर्ट को बताया गया था कि एएबी ने अपनी गवर्निंग काउंसिल में महिला वकीलों के लिए पीठ द्वारा सुझाए गए 30 प्रतिशत आरक्षण को लागू कर दिया है। इसके बाद आज कोर्ट ने पाया कि राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशनों का चुनाव लंबित है तो क्यों नहीं सभी में इसी तरह का आरक्षण लागू कर दिया जाए।
इसके बाद पीठ ने आदेश दिया कि AAB के लिए लागू महिला आरक्षण के निर्देशों को कर्नाटक के सभी बार निकाय चुनावों में लागू किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में लिखा,"हम निर्देश देते हैं कि हमारा जनवरी का आदेश यथावश्यक परिवर्तनों के साथ सभी जिला न्यायालय बार एसोसिएशनों पर लागू होगा। इसलिए सभी बार एसोसिएशनों में कोषाध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाए और गवर्निंग बॉडी में 30% सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की जाएं। प्रत्येक बार एसोसिएशन जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।"इस बीच, कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी आज एक आदेश पारित कर कर्नाटक के सभी बार संघों में महिलाओं के लिए समान आरक्षण लागू करने का समर्थन किया है।