चीन को नहीं कर सकते नजरअंदाज, भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच शशि थरूर ने किया अलर्ट
शशि थरूर ने कहा, 'हमारे पड़ोस में क्या चुनौतियां है, इस बात का हमें कोई भ्रम नहीं है, लेकिन मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि भारत ने अपने विरोधियों के साथ भी बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखा है।'

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने चीन को लेकर बड़े संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच चीनी फैक्टर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने इस्लामाबाद और बीजिंग के रिश्तों को लेकर भी चिंता जाहिर की है। खास बात है कि उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब गलवान घाटी पर हुई सैन्य झड़प के बाद चीन और भारत के बीच तनाव कम होता नजर आ रहा है।
थरूर ने कहा, 'मैं घुमा फिराकर बात नहीं करूंगा, लेकिन हम सभी जानते हैं कि चीन का पाकिस्तान में बड़ा हित है।' उन्होंने कहा कि बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के तहत सबसे बड़ा सिंगल प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के 81 फीसदी रक्षा उपकरण चीनी हैं। उन्होंने कहा, 'रक्षा शब्द का इस्तेमाल यहां गलत होगा। अपराध शब्द कई मायनों में सही है।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के साथ टकराव के बीच चीन को नजरअंदाज करना बिल्कुल असंभव है।'
भारत और चीन के रिश्ते पर भी बोले
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जून 2020 में भारत और चीन में तनाव होने के बाद भी 'हमने बीते साल सितंबर में चीन के साथ संबंधों में सुधार की शुरुआत की थी, जो इस हादसे से पहले अच्छी प्रगति कर रहा था।' उन्होंने कहा, पाकिस्तान को प्रैक्टिकल सपोर्ट देने और सुरक्षा परिषद में ऐसे साथ देने के मामले में 'इसके बाद हमने बहुत अलग चीन को देखा।'
थरूर ने कहा, 'हमारे पड़ोस में क्या चुनौतियां है, इस बात का हमें कोई भ्रम नहीं है, लेकिन मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि भारत ने अपने विरोधियों के साथ भी बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रखा है।'
उन्होंने कहा, 'हमने विकास, वृद्धि, व्यापार पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान लगाने की कोशिश की है। चीन के साथ हमारा व्यापार रिकॉर्ड लेवल पर है। ऐसा नहीं है कि हम शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रहे हैं, लेकिन आसपास जारी चीजों के बारे में जानकारी नहीं रखेंगे, तो हम 'नासमझ होंगे।'