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फिर दोस्त बनेंगे भारत और कनाडा? ट्रूडो की विदाई से बदले हालात, उच्चायुक्तों की नियुक्ति जल्द

  • 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश के. पटनायक को ओटावा में भारत के नए उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किए जाने की प्रबल संभावना है।

Amit Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, अनिरुद्ध भट्टाचार्य, रेजाउल एच लस्करThu, 20 March 2025 08:31 AM
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फिर दोस्त बनेंगे भारत और कनाडा? ट्रूडो की विदाई से बदले हालात, उच्चायुक्तों की नियुक्ति जल्द

भारत और कनाडा ने अपने तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच संपर्क बहाल हो गया है और अब नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। यह घटनाक्रम 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर उत्पन्न कूटनीतिक विवाद के बाद संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच राजनयिक और सुरक्षा स्तर पर वार्ता दिसंबर 2024 से फिर शुरू हुई है। इससे पहले अक्टूबर 2024 में भारत ने अपना उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था। कनाडा ने इन भारतीय अधिकारियों को निज्जर हत्याकांड की जांच में "व्यक्तिगत रूप से रुचि रखने वाले" व्यक्तियों के रूप में चिह्नित किया था। भारत ने अपने राजनायिकों को वापस बुलाने के साथ ही समान संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।

नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति

भारतीय विदेश सेवा के 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश के. पटनायक को ओटावा में भारत के नए उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किए जाने की प्रबल संभावना है। उन्होंने 2016-2018 के बीच ब्रिटेन में भारत के उप उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य किया है और प्रवासी समुदाय में खालिस्तान मुद्दे की गहरी समझ रखते हैं।

वहीं, कनाडा की ओर से नई दिल्ली में उच्चायुक्त पद के लिए क्रिस्टोफर कूटर का नाम प्रस्तावित किया गया है, जो हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में कनाडा के राजदूत थे। भारत ने 2024 के मध्य में उनके नाम को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी थी।

सूत्रों ने बताया कि अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्ष कब तक इन नियुक्तियों को औपचारिक रूप देंगे। कुछ अधिकारियों का मानना है कि इससे पहले दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच एक बैठक होनी चाहिए, ताकि संबंधों को सुधारने का स्पष्ट संकेत दिया जा सके।

उच्चस्तरीय बैठक की संभावनाएं

कनाडा 2025 में जी7 सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा, और इस दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक होने की संभावना जताई जा रही है। यह बैठक जून 2025 में अल्बर्टा में प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि भारत को इसमें भागीदार देश के रूप में आमंत्रित किया जाएगा या नहीं।

भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की मुख्य वजह

राजनयिकों का मानना है कि कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के स्थान पर माइक कार्नी की नियुक्ति भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कारक रही है। ट्रूडो ने सितंबर 2023 में आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों की भूमिका है। भारत ने इसे "बेबुनियाद" बताते हुए खारिज कर दिया था और कनाडा पर कट्टरपंथी तत्वों को समर्थन देने का आरोप लगाया था।

सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ा

भारत और कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों के बीच भी संवाद फिर से शुरू हो गया है। जनवरी 2025 में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) की एक टीम ने नई दिल्ली में भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) – के अधिकारियों से मुलाकात की।

इन बैठकों में संगठित अपराध, खालिस्तानी तत्वों पर लगाम लगाने और निज्जर हत्या की जांच जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। फरवरी 2025 में, ईडी ने मोहाली और चंडीगढ़ में सिमरन प्रीत पनेसर के ठिकानों पर छापेमारी की, जो कनाडा में अप्रैल 2024 में हुए $22.5 मिलियन के सोना चोरी मामले में आरोपी है। इसके अलावा, कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS (कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस) के प्रमुख डैनियल रोजर्स 16 मार्च 2025 को भारत में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में शामिल हुए। इस बैठक का आयोजन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया था। लोगों ने बताया कि कनाडाई दल ने नई दिल्ली में रहते हुए “फाइव आइज” गठबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में भी भाग लिया – जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

भारत के पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा उन छह राजनयिकों में शामिल थे जिन्हें पिछले अक्टूबर में नई दिल्ली ने वापस बुला लिया था, जब कनाडा ने “हिंसक आपराधिक गतिविधि” से संबंधित पूछताछ के लिए उन पर राजनयिक छूट खत्म करने की मांग की थी। नई दिल्ली में कनाडा के अंतिम उच्चायुक्त कैमरन मैके ने पिछली गर्मियों में पद छोड़ दिया था। इन घटनाक्रमों ने 18 सितंबर, 2023 को शुरू हुए संकट को और गहरा कर दिया, जब ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा था कि भारतीय एजेंटों और ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की हत्या के बीच संबंध के “विश्वसनीय आरोप” थे। भारत ने इस आरोप को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि कनाडा ने अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए कभी सबूत नहीं दिए।

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भविष्य की चुनौतियां

हालांकि भारत-कनाडा संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन कुछ जटिलताएं अब भी बनी हुई हैं। ब्रिटिश कोलंबिया की सुप्रीम कोर्ट में हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में चार भारतीय नागरिकों पर मुकदमा चल रहा है। इसके अलावा, कनाडा में अक्टूबर 2025 में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं, जो जल्दी भी कराए जा सकते हैं। नई सरकार के नीतिगत रुख के अनुसार भारत-कनाडा संबंधों की दिशा तय होगी। संबंधों को बहाल करने की दिशा अगले प्रधानमंत्री द्वारा तय की जाएगी, चाहे वह मौजूदा कार्नी हों या कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे।

फिलहाल, प्रधानमंत्री माइक कार्नी ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को सुधारने की इच्छा जताई है। उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा, "कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को विविधता प्रदान करना चाहता है, और भारत के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने के अवसर मौजूद हैं।" भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक और सुरक्षा वार्ता का फिर से पटरी पर आना दोनों देशों के संबंधों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, इन संबंधों की दिशा इस पर निर्भर करेगी कि आगामी महीनों में दोनों पक्षों की सरकारें कैसे आगे बढ़ती हैं।