भारत ने ट्रंप को मध्यस्थता के लिए कभी नहीं कहा; राहुल के सरेंडर वाले बयान के बीच US में बोले थरूर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने सात सांसदों के नेतृत्व में डेलिगेशन को विभिन्न देशों में भेजा है। शशि थरूर भी एक की अगुवाई कर रहे हैं। उनका डेलिगेशन अभी अमेरिका में है।

Shashi tharoor: पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया। इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारत ने जोरदार पलटवार कर दिया। इन हमलों में पाकिस्तान के कई एयरबेस नष्ट हो गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी। इससे ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का दावा करते हुए इसकी क्रेडिट खुद को दे दी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने सात सांसदों के नेतृत्व में डेलिगेशन को विभिन्न देशों में भेजा है। शशि थरूर भी एक की अगुवाई कर रहे हैं। उनका डेलिगेशन अभी अमेरिका में है, जहां उन्होंने ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
शशि थरूर ने ट्रंप के भारत-पाक मध्यस्थता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि “हमने कभी किसी से मध्यस्थता नहीं मांगी” थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने कभी किसी से अपने और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की मांग नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि 10 मई को पाकिस्तान ने भारत से अनुरोध किया था कि वह अपने सैन्य अभियानों को रोके, क्योंकि भारतीय हमलों से उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान का आकलन हुआ था।
शशि थरूर ने कहा, “हमें अमेरिकी राष्ट्रपति पद और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति अत्यधिक सम्मान है। लेकिन जहां तक हमारा सवाल है तो हमने कभी भी किसी से मध्यस्थता की अपेक्षा नहीं की।"
आपको बता दें कि यह बयान उस समय आया जब कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पाकिस्तान के सामने सरेंडर करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी को सरेंडर मोदी तक कहा है।
पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बात करते हुए थरूर ने कहा, “संघर्ष की जिस रात को आखिरी रात माना गया, उस रात भारत ने प्रभावी रूप से पाकिस्तान के 11 सैन्य एयरबेस पर हमला किया।” उन्होंने आगे बताया कि, “उपलब्ध सार्वजनिक सैटेलाइट इमेजरी से स्पष्ट है कि रनवे पर गड्ढे हैं, कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया गया है। यानी व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है।”
थरूर ने उस गोपनीय पाकिस्तानी डोजियर का भी उल्लेख किया जो बाद में सार्वजनिक हो गया। इसमें पाकिस्तान ने खुद स्वीकार किया कि भारतीय हमले इतने व्यापक थे कि उन्होंने दक्षिण में हैदराबाद से लेकर उत्तर-पश्चिम में पेशावर तक को कवर किया। थरूर ने कहा, “पाकिस्तान ने जो नुकसान भारत को पहुंचाने का दावा किया वह इतना प्रभावी नहीं था कि भारत को जवाबी कार्रवाई से रोका जा सके। इसलिए उन्होंने खुद भारत से अभियान रोकने की अपील की और हम खुशी-खुशी इसके लिए राजी हो गए।”
भारत-पाक बातचीत में अमेरिका की भूमिका
अमेरिका की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल पर थरूर ने कहा, “मुझे लगता है कि अमेरिका अब यह बात अच्छी तरह समझ चुका है कि भारत की स्थिति एकदम स्पष्ट है। अगर कोई हमारी कनपटी पर बंदूक ताने खड़ा हो तो हम बातचीत नहीं करेंगे। यह नहीं कि हम पाकिस्तान से बात नहीं कर सकते। हम वह सभी भाषाएं जानते हैं जो वे बोलते हैं। हम खुशी-खुशी उन भाषाओं में उनसे संवाद कर सकते हैं।”
थरूर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि पाकिस्तान अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी तत्वों पर नियंत्रण नहीं करता है तो भारत फिर से सैन्य कार्रवाई करेगा और जवाब देगा।