'हमने नहीं रखी थी...', जज यशवंत वर्मा ने जलते नोटों की गड्डियों पर क्या कहा
- न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि घर के स्टोर रूम में उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी नहीं रखी थी। वे इस बात का खंडन करते हुए हैं कि यह कथित नकदी उनकी थी।

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने जांच चल रही है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पूरी आंतरिक जांच रिपोर्ट घटना से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो के साथ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। 25 पन्नों की रिपोर्ट में होली की रात जस्टिस वर्मा के घर पर लगी आग को बुझाने से जुड़े अभियान के वीडियो और फोटोग्राफ भी शामिल हैं, जिस दौरान नकदी बरामद हुई थी। हालांकि, यशवंत वर्मा ने इससे इनकार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि घर के स्टोर रूम में उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी नहीं रखी थी। वे इस बात का खंडन करते हुए हैं कि यह कथित नकदी उनकी थी।
जस्टिस वर्मा ने कहा, ‘यह विचार या सुझाव कि नकदी हमने रखी थी या जुटाई थी, पूरी तरह से हास्यास्पद है। यह मानना अविश्वसनीय है कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास खुले, आसानी से सुलभ और आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले स्टोररूम में या आउटहाउस में नकदी जमा कर सकता है। यह ऐसा कमरा है जो मेरे रहने के क्षेत्र से पूरी तरह अलग है। एक चारदीवारी मेरे रहने के क्षेत्र को उस आउटहाउस से अलग करती है। मैं बस यही चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर अभियोग लगाने और बदनाम करने से पहले जांच की होती।'
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने रिपोर्ट में क्या कहा
मालूम हो कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपी गई है। इसमें आधिकारिक संचार से संबंधित सामग्री भी शामिल थी, जिसके अनुसार भारतीय मुद्रा की चार से पांच अधजली गड्डियां पाई गईं। जस्टिस उपाध्याय ने लिखा, ‘रिपोर्ट की गई घटना को लेकर उपलब्ध सामग्री और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के जवाब की जांच करने पर मुझे कुछ पता चला। वह यह है कि पुलिस आयुक्त ने 16.3.2025 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि जज वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार 15.3.2025 की सुबह जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और आंशिक रूप से जली हुई अन्य वस्तुएं हटा दी गई थीं। मेरी जांच में प्रथम दृष्टया बंगले में रहने वाले लोगों, घरेलू सहायकों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के कमरे में प्रवेश करने की संभावना नहीं है। मेरी राय है कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)