चीन के बाद अब तुर्की के प्रोपेगेंडा पर भारत ने कसी नकेल, TRT वर्ल्ड का सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक
यह कदम भारत की डिजिटल और कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गलत सूचनाओं को रोकना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।

भारत सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तुर्की के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी वर्ल्ड के सोशल मीडिया हैंडल को भारत में ब्लॉक कर दिया। यह कार्रवाई भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए की गई है। आज ही दिन में भारत ने चीन के सरकारी प्रोपेगेंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के सोशल मीडिया हैंडल को भी ब्लॉक कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार, टीआरटी वर्ल्ड और ग्लोबल टाइम्स पर भारत के खिलाफ भ्रामक और भड़काऊ सामग्री फैलाने का आरोप है। पाकिस्तान समर्थक इन देशों के न्यूज पोर्टल अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए भारत के ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी फर्जी खबरें फैलाते पाए गए।
भारत सरकार का कड़ा रुख
भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को 8,000 से अधिक खातों को ब्लॉक करने का आदेश दिया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों और प्रमुख यूजर्स के खाते शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये खाते राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली गलत सूचनाएं फैला रहे थे। टीआरटी वर्ल्ड और ग्लोबल टाइम्स के खाते इस कार्रवाई का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान समर्थक प्रचार का आरोप
ग्लोबल टाइम्स और कुछ अन्य अकाउंट्स पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप है। हाल के दिनों में, भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गलत सूचनाओं का प्रसार तेजी से बढ़ा है। तुर्की का टीआरटी वर्ल्ड खुद को वैश्विक समाचार और तुर्की के दृष्टिकोण को पेश करने का दावा करता है। उस पर भी भारत विरोधी कवरेज का आरोप लगा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारत द्वारा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और विदेशी प्रचार को रोकने की दिशा में उठाया गया है।
पाकिस्तान का हिमायती है तुर्की
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, जिससे भारत और तुर्की के बीच तनाव बढ़ गया है। ऑपरेशन सिंदूर 7-8 मई 2025 की रात को शुरू हुआ। यह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक सटीक और नियंत्रित सैन्य कार्रवाई थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे। भारत ने इस कार्रवाई को गैर-उत्तेजक और आतंकवाद के खिलाफ एक जिम्मेदार कदम बताया। हालांकि, तुर्की ने इस ऑपरेशन की निंदा करते हुए पाकिस्तान का समर्थन किया।
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने 7 मई को एक बयान जारी कर ऑपरेशन सिंदूर को "उकसाने वाला कदम" करार दिया और कहा कि इससे पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ गया है। तुर्की ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन साथ ही पाकिस्तान की मांग का समर्थन करते हुए पहलगाम हमले की जांच की वकालत की। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की और पाकिस्तान के प्रति अपनी "एकजुटता" व्यक्त की। शरीफ ने एर्दोगन को धन्यवाद देते हुए तुर्की के "अटूट समर्थन" की सराहना की।
तुर्की की सैन्य सहायता और ड्रोन विवाद
रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की निर्मित 'एसिस गार्ड सोंगर' ड्रोनों का इस्तेमाल किया, जिससे भारत के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की कोशिश की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन ड्रोनों को निष्क्रिय कर दिया, लेकिन इस घटना ने तुर्की-पाकिस्तान गठजोड़ को उजागर किया। तुर्की ने लंबे समय से पाकिस्तान को नैतिक, आर्थिक और सैन्य समर्थन दिया है, जिसमें हथियारों की आपूर्ति और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन शामिल है।
भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा
तुर्की के इस कदम से भारत में व्यापक आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है, जिसमें भारतीयों ने तुर्की की यात्रा और वहां के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है। कई लोगों ने 2023 के भूकंप के दौरान भारत द्वारा तुर्की को दी गई मदद, जिसे "ऑपरेशन दोस्त" नाम दिया गया था, का हवाला देते हुए तुर्की को "कृतघ्न" बताया।