मुस्लिमों को टारगेट न करें; पहलगाम में मारे गए विनय नरवाल की पत्नी की अपील, एक डिमांड
हिमांशी ने कहा, 'इस हमले में जो लोग शामिल हैं, इन्हें सख्त सजा दी जाए। लेकिन हमें मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट नहीं करना है।' विनय की जयंती पर परिवार ने ब्लड डोनेशन कैंप का भी आयोजन किया था। आज विनय जीवित होते तो उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता, लेकिन आज परिवार उनकी याद में जयंती मनाता दिखा।

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नेवी के लेफ्टिनेंट जनरल विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने सभी से शांति की अपील की है। उन्होंने गुरुवार को लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की जयंती पर कहा कि हमें मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट नहीं करना चाहिए। हम शांति चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले में शामिल लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। हिमांशी ने कहा, 'इस हमले में जो लोग शामिल हैं, इन्हें सख्त सजा दी जाए। लेकिन हमें मुस्लिमों और कश्मीरियों को टारगेट नहीं करना है।' विनय की जयंती पर परिवार ने ब्लड डोनेशन कैंप का भी आयोजन किया था। आज यदि विनय नरवाल जीवित होते तो उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता, लेकिन आज परिवार उनकी याद में जयंती मनाता दिखा।
इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इस दौरान हिमांशी बेहद भावुक हो गईं। कैंप में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे औऱ उन्होंने रक्तदान किया। हिमांशी ने कहा कि मैं भी पति विनय नरवाल की ओर से दिखाए गए देशभक्ति के रास्ते पर आगे बढ़ूंगी। मुझे देश की सेवा करनी है। हिमांशी ने कहा, 'देशवासियों को विनय नरवाल के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। वह जहां भी हों, सुखी हों। हम आज यहां शोक व्यक्त करने के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं बल्कि हम उनकी देशभक्ति और जज्बे का सम्मान करने के लिए आए हैं।' हिमांशी और विनय नरवाल की 16 अप्रैल को ही शादी हुई थी और फिर 19 तारीख को रिसेप्शन हुआ था।
यह जोड़ा हनीमून पर पहलगाम घूमने गया था, जहां 22 अप्रैल को आतंकियों ने विनय नरवाल का कत्ल कर दिया। इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए थे। आतंकियों ने विनय नरवाल समेत सभी लोगों का धर्म पूछकर कत्ल किया था। ब्लड डोनेशन कैंप में विनय नरवाल की बहन सृष्टि भी मौजूद थीं। सृष्टि ने कहा कि मैं यहां आए सभी लोगों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने हमारा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि हम ब्लड डोनेशन कैंप इसलिए चला रहे हैं ताकि जिंदगियों को बचाया जा सके। हमने अपने भाई को खोया है और अपने परिजन को खोने का गम हम समझ सकते हैं।