हाई अलर्ट पर सेना, पाकिस्तानी नागरिकों के पास सिर्फ 48 घंटे; पहलगाम हमले के बाद ऐक्शन में भारत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई सीसीएस की अहम बैठक के बाद केंद्र सरकार ने कई फैसले लिए हैं। इसमें एसवाईएस वीजा के तहत भारत में अभी मौजूद किसी भी पाकिस्तानी के पास भारत छोड़ने के लिए सिर्फ 48 घंटे का समय है। इसके अलावा भारत ने अपनी सभी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।"
सीसीएस बैठक में साफ किया गया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसके साथ ही, सभी सुरक्षाबलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। सीसीएस की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवादाताओं को फैसलों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, "सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।"
मिस्री के अनुसार, दुनिया भर की कई सरकारों ने अपना समर्थन और एकजुटता दिखाई है और उन्होंने स्पष्ट रूप से इस आतंकवादी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, "सीसीएस ने ऐसी भावनाओं की सराहना की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है।" विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि तथा विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।
उन्होंने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद नहीं कर देता। अटारी एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया गया है। उनके अनुसार, पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है तथा उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
विदेश सचिव ने कहा, "भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस लिया जाएगा।" उन्होंने बताया कि एक मई, 2025 तक और कटौती के माध्यम से उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या वर्तमान में 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी।
विदेश सचिव ने कहा, "सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया।" उन्होंने कहा कि इसने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा, "तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों का पीछा करने में कठोर रहेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं, या इसकी साजिश रची है।"