सारे फसाद की जड़ पाकिस्तान, इन मुस्लिम देशों ने भी कर दिया ऐलान; विदेश से लौटे MP ने क्या बताया
पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में निशिकांत दुबे, असदुद्दीन ओवैसी, गुलाम नबी आजाद, फांगनोन कोन्याक और सतनाम संधू के अलावा पूर्व राजनयिक हर्ष शृंगला शामिल थे। इस दल ने सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा की।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को पनाह देने के मुद्दे पर सांसदों का प्रतिनिधिमंडल अब विदेश दौरों से लौटने लगा है। भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अगुवाई में भी एक दल सऊदी अरब, बहरीन, अल्जीरिया और कुवैत से स्वदेश लौट आया है। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर सरकार का रुख दुनिया के सामने रखना था।
देश लौटने के बाद एक साक्षात्कार में पांडा ने बताया कि इस्लामिक देशों ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई चर्चा के दौरान दो टूक लहजे में माना और इस बात को दोहराया कि पड़ोसी देश पाकिस्तान ही आतंकवाद जैसी फसाद की जड़ है। हालांकि, इन इस्लामिक देशों ने भारत के साथ अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए भविष्य के लिए भारत को एक अवसर के रूप में बताया है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में पांडा ने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से जुड़े चार देशों की प्रतिक्रियाएं आश्चर्यजनक रहीं।
सांस्कृतिक रूप से नजदीक लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ
उन्होंने कहा कि ये देश सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से भले ही पाकिस्तान के निकटस्थ रहे हों लेकिन सभी पाकिस्तान के खिलाफ हैं। पांडा ने कहा कि इन सभी इस्लामिक देशों का स्पष्ट मानना है कि पाकिस्तान ने दशकों से आतंकवादियों को पाला है। हालांकि, उन्होंने भारत को एक अवसर के रूप में स्थापित किया। इन इस्लामिक देशों के भारत के साथ भी ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध रहे हैं, जिनकी वे कद्र करते हैं।
भारत ने किसी देश पर आक्रमण नहीं किया
बकौल पांडा,जब उन्होंने कहा कि भारत ने किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है, तो उन इस्लामिक देशों ने कहा कि उन्हें यह पहले से ही पता है। वे गर्व के साथ बताते हैं कि कैसे उनके दादा तेल-पूर्व युग में भारत पर निर्भर थे और उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने 1960 के दशक तक भारतीय मुद्रा का उपयोग किया। पांडा ने बताया कि पिछले एक दशक में इन देशों ने नाटकीय बदलाव महसूस किया है। सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सम्मानपूर्वक और प्यार से बात की।
पहले एकतरफा था OIC
पांडा ने बताया कि सभी चीजें हमारे पक्ष में रहीं। इसके अलावा, इन देशों ने कहा कि वे सभी पाकिस्तान को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं, जो खुद भी आतंकवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि अतीत में OIC पूरी तरह से एकतरफा रहा है लेकिन अब, OIC के कुछ सदस्य राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हैं और कुछ अन्य वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) का हिस्सा हैं। कुछ राष्ट्र पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों और आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने में भागीदार रहे हैं। पांडा ने कहा कि इस दौरे के दौरान इस्लामिक देशों ने पड़ोसी देश की आतंकियों के साथ सांठगांठ की पोल भी खोल दी।