तहव्वुर राणा के खुलासे से बेनकाब होगा पाकिस्तान, दोषी ठहराया जाना तय
- 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में आरोपी होने के अलावा, तहव्वुर राणा राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज और मुंबई में यहूदी संपर्क केंद्र, चाबड़ हाउस पर हमलों की साजिश रचने में अपनी भूमिका के लिए भी वांछित है।

मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के भारत आने के बाद एनआईए सहित अन्य एजेंसियों को पूछताछ से बड़े खुलासे की उम्मीद है। माना जा रहा है राणा से पूछताछ के दौरान मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका एक बार फिर बेनकाब हो सकती है। मुंबई हमले को लेकर जांच एजेंसियां पहले ही ठोस तथ्यों और सबूतों के आधार पर पाकिस्तान की करतूत का पर्दाफाश कर चुकी हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि तहव्वुर राणा की गवाही से उन पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों की भूमिका उजागर हो सकती है जो 26/11 की साजिश में शामिल थे। इनमें पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी जैसे मेजर इकबाल और मेजर समीर अली शामिल हैं।
इसके अलावा हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा का मुखिया), जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद मजीद, इलियास कश्मीरी, अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ मेजर अब्दुर रहमान (पासा) के नाम भी इस हमले की साजिश में सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि मुंबई हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा अपने किए के लिए दोषी करार होगा और संभव है कि उसे मौत की सजा भी हो।
2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में आरोपी होने के अलावा, तहव्वुर राणा राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज और मुंबई में यहूदी संपर्क केंद्र, चाबड़ हाउस पर हमलों की साजिश रचने में अपनी भूमिका के लिए भी वांछित है। हालांकि प्रत्यर्पण समझौते के तहत उसे जिस मामले के लिए यहां लाया गया है उससे संबंधित मामले ही चलाए जा सकते हैं।
हेडली का मददगार राणा
एनआईए ने तहव्वुर राणा को 26/11 हमलों के सह-साजिशकर्ता के रूप में चार्जशीट किया है। आरोप है कि उसने डेविड हेडली को भारत में ठहरने और घूमने के लिए पूरा सहयोग किया। मुंबई, दिल्ली, कोच्चि, आगरा, हापुड़ और अहमदाबाद में उसके साथ यात्रा की। चाबड़ हाउस और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज जैसे ठिकानों की रेकी में मदद की। आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी से संबंध बनाए रखे।
राणा को फांसी की सजा हो
पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्णन पिल्लई ने कहा है कि राणा मुंबई हमले का सूत्राधार डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी है। उन्होंने कहा कि राणा अपने किए के लिए दोषी करार होगा और संभव है कि उसे मौत की सजा भी हो। उन्होंने कहा कि दोनों को पूरी साजिश के बारे अच्छी तरह से पता है। 26 नवंबर 2008 को जो कुछ भी हुआ उसकी हर बात ये दोनों जानते थे। एनआईए की जांच में दोनों की भूमिका स्पष्ट हो चुकी है और पाकिस्तान बेनकाब हो चुका है। भारत ने इस हमले में शामिल कुछ पाकिस्तानियों के लिए भी वारंट जारी किया लेकिन पाकिस्तान ने उसपर कोई कार्रवाई नहीं की न ही उन लोगों को भारत को सौंपा।
दोषी ठहराया जाना तय
पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व गृह सचिव आर के सिंह ने कहा, राणा का भारत प्रत्यर्पण भारत के लिए बड़ी कामयाबी है। जहां उसने आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया अब वहीं उसे सजा मिलेगी। राणा से पूछताछ में जांच एजेंसियों को कुछ नई जानकारी भी मिलेगी। मुंबई हमले का सूत्राधार राणा के खिलाफ भारतीय एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत हैं। अदालत में उसे दोषी ठहराना जाना तय है।
अनुभवी हैं सचदेवा
दिल्ली लीगल सर्विसेज के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा अदालत में तहव्वुर राणा का पक्ष रखेंगे। दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने पीयूष सचदेवा को तहव्वुर राणा का वकील नियुक्त किया है। सचदेवा एक प्रतिभाशाली और उभरते हुए वकील हैं। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई प्रतिष्ठित आईएलएस लॉ कालेज, पुणे से पूरी की और उसके बाद एलएलएम की डिग्री लंदन के किंग्स कालेज से हासिल की। उनके पास अंतरराष्ट्रीय कानून और आपराधिक मामलों में गहरा अनुभव है, जो इस मामले में उनकी भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
कृष्णन ने अपराधियों को दिलाई मौत की सजा
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। वर्ष 2014 से दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। आपराधिक मामलों में इनकी पकड़ है। वर्ष 2001 में संसद हमले और 2012 में दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों को मौत की सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई चुके हैं। मौजूदा समय में वे सरकारी मामलों, दिल्ली पुलिस और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े कुछ केस देख रहे हैं। हाल ही में इन्होंने अनाथ बच्चों को संपत्ति के अधिकार दिलाने के लिए केस लड़ा जिसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में दिशा- निर्देश बनाने का आदेश दिया था।