PM Narendra Modi will address Parliament today will answer questions related to discussion on Constitution अनुच्छेद 370, धर्म के आधार पर आरक्षण से लेकर नेहरू तक, संसद में क्या बोले पीएम मोदी, India Hindi News - Hindustan
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अनुच्छेद 370, धर्म के आधार पर आरक्षण से लेकर नेहरू तक, संसद में क्या बोले पीएम मोदी

  • पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, 'संविधान के 75 वर्ष की यात्रा यादगार यात्रा है और विश्व के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की यात्रा है। ये 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 Dec 2024 08:00 PM
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अनुच्छेद 370, धर्म के आधार पर आरक्षण से लेकर नेहरू तक, संसद में क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का पर्व है। साथ ही, 75 साल की उपलब्धि असाधारण रही है। पीएम मोदी ने कहा, 'हम सभी के लिए, सभी देशवासियों के लिए, दुनिया के लोकतंत्र पसंद नागरिकों के लिए ये बहुत गर्व का पल है। लोकतंत्र के पर्व को बड़े गौरव के साथ मनाने का अवसर है। संविधान के 75 वर्ष की यात्रा एक अविस्मरणीय यात्रा है। दुनिया के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की इस यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। 75 वर्ष पूरे होने पर ये उत्सव का क्षण है।'

संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कांग्रेस को एक शब्द बहुत प्रिय है। उनका सबसे प्रिय शब्द है - 'जुमला'... देश को पता है कि हिन्दुस्तान में अगर सबसे बड़ा जुमला कोई था और वह 4 पीढ़ी ने चलाया, वह जुमला था - 'गरीबी हटाओ'। यह ऐसा जुमला था जिससे उनकी राजनीति की रोटी तो सेकी जाती थी लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था।' उन्होंने कहा कि 2014 में जब एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला तो लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिली। गरीबों को मुश्किलों से मुक्ति मिले, यह हमारा बहुत बड़ा मिशन और संकल्प है। हमें गर्व है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।

'धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल'

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता भूख के लिए... अपनी वोट बैंक को खुश करने के लिए, धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक, कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है। इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है, मुख्यमंत्रियों को लिखी है। इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं। बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए... लेकिन उन्होंने इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था। दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था। जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई। तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला, ये कांग्रेस का पाप है।'

संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'समान नागरिक संहिता, यह विषय संविधान सभा के ध्यान के बाहर नहीं था। संविधान सभा ने UCC को लेकर लंबी चर्चा की। उन्होंने बहस के बाद निर्णय किया कि अच्छा होगा कि जो भी सरकार चुनकर आए वह उसका निर्णय करे और देश में UCC लागू करे। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में UCC लाना चाहिए। संविधान और संविधान निर्माताओं की भावना को ध्यान में रखते हुए, हम सेक्युलर सिविल कोड के लिए पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।' नरेंद्र मोदी ने कहा कि 12 कांग्रेस की प्रदेश कमिटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरू जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। उन्होंने कहा, 'संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। जो लोग अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते वो कैसे देश के संविधान को स्वीकार कर सकते हैं?'

'कांग्रेस ने लगातार की संविधान की अवमानना'

पीएम मोदी ने कहा, 'कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की, संविधान के महत्व को कम किया। कांग्रेस इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा हुआ है। 370 के बारे में तो सबको पता है लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है। भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोटने का काम किया। 35-ए को संसद में लाए बिना उन्होंने देश पर थोप दिया। राष्ट्रपति के आदेश पर ये काम किया गया और देश की संसद को अंधेरे में रखा गया।'

नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, 'मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है। इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है।'

पीएम मोदी ने कहा कि 1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश नहीं था। उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, 'अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए।' 1951 में ये पाप किया गया लेकिन देश चुप नहीं था। उस समय के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें चेताया कि ये गलत हो रहा है, लेकिन पंडित जी का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावकों की सलाह मानी नहीं। ये संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि समय-समय पर वो संविधान का शिकार करती रही।'

'संविधान को नोच दिया और आपातकाल लगाया'

संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था उसी समय हमारे संविधान को नोच दिया गया, आपातकाल लाया गया। संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, देश को जेल खाना बना दिया गया, नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताला लगा दिया गया, कांग्रेस के माथे पर यह जो पाप है वह धूलने वाला नहीं है।'

नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी। उन्होंने कहा, '1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था। उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया था, 1971 में संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'धारा 370 देश की एकता पर रुकावट बना पड़ा था, दीवार बना पड़ा था। देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी जो कि हमारे संविधान की भावना थी और इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया। हमारे देश में एक लंबे समय तक GST को लेकर चर्चा चलती रही। मैं समझता हूं अर्थव्यवस्था की एकता में GST ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। यह 'वन नेशन-वन टैक्स' की भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। हमारे देश में राशन कार्ड गरीब के लिए एक मूल्यवान दस्तावेज रहा है लेकिन गरीब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता था तो उसके पास कुछ भी प्राप्त करने का अधिकार नहीं था। एकता के भाव को मजबूत करने के लिए हमने 'वन नेशन वन राशन' कार्ड की बात की।'

'सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही'

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारी हर योजना की सेंटर में महिलाएं होती हैं और जब हम ये संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं, तो ये अच्छा संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। यही नहीं, हमारे सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'हमारे संविधान की अपेक्षा एकता की है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने मातृभाषा के महात्मय को स्वीकारा है। हमने नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा को बहुत महत्व दिया है। अब गरीब का बच्चा भी अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर या इंजीनियर बन सकता है।'

पीएम मोदी ने कहा, 'जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थीं, उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए और परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं।'

संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है। यह 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी बनाएंगे हम देश को विकसित भारत बनाकर रहेंगे। यह हर भारतीय का संकल्प है लेकिन इस संकल्प से सिद्धि के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है भारत की एकता। हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है।'