Sangh-BJP workers guilty of murdering JDU leader High Court reversed the previous verdict awarded life imprisonment जदयू नेता की हत्या में संघ-भाजपा कार्यकर्ता दोषी, हाई कोर्ट ने पलटा पिछला फैसला; सुनाई उम्रकैद, India Hindi News - Hindustan
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जदयू नेता की हत्या में संघ-भाजपा कार्यकर्ता दोषी, हाई कोर्ट ने पलटा पिछला फैसला; सुनाई उम्रकैद

  • हाई कोर्ट कहा कि निचली अदालत ने साक्ष्यों को नजरअंदाज किया और ऐसे तथ्यों पर भरोसा किया जो इस मामले से अप्रासंगिक थे।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 8 April 2025 11:01 PM
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जदयू नेता की हत्या में संघ-भाजपा कार्यकर्ता दोषी, हाई कोर्ट ने पलटा पिछला फैसला; सुनाई उम्रकैद

केरल हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए 2015 में जदयू नेता दीपक की हत्या के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से जुड़े पांच कार्यकर्ताओं को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने सत्र न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया जिसमें इन आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बताया तथ्यों की अनदेखी

यह फैसला न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति जोबिन सेबेस्टियन की खंडपीठ ने सुनाया। अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने साक्ष्यों को नजरअंदाज किया और ऐसे तथ्यों पर भरोसा किया जो इस मामले से अप्रासंगिक थे। कोर्ट ने चेताया कि ऐसे फैसले न्याय प्रणाली को कमजोर करते हैं और समाज में खतरनाक संदेश भेजते हैं कि गंभीर अपराधों में लिप्त लोग आसानी से बच सकते हैं।

न्याय में देरी पर पीठ की टिप्पणी

पीठ ने साफ कहा, “अगर दोषियों को तकनीकी आधार पर छोड़ा गया तो यह समाज में अराजकता फैलाने वाला संकेत होगा। न्यायपालिका पर जनता का भरोसा ऐसे फैसलों से डगमगा सकता है।” इससे पहले सत्र अदालत ने इस हत्याकांड में शामिल सभी 10 आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार और मृतक की पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने इस अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए पांच आरोपियों- ऋषिकेश, निजिन उर्फ कुंजप्पू, प्रशांत उर्फ कोचू, रसंत और ब्रशनेव को दोषी ठहराया।

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इन सभी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामूहिक इरादा) के तहत दोषी माना गया और आजीवन कारावास के साथ-साथ एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जिन दो दोषियों को पहले से ही आजीवन कारावास मिला हुआ है, उन्हें यह सजा साथ-साथ चलाने की छूट मिली है। वहीं, बाकी पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी करने के सत्र अदालत के फैसले को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। दीपक जदयू के स्थानीय नेता थे और त्रिशूर जिले के पझुविल क्षेत्र में राशन दुकान चलाते थे। उनकी हत्या के पीछे कथित रूप से राजनीतिक रंजिश मानी जा रही है।

भाषा इनपुट के साथ