भारत के पांच ऐसे सुरक्षा कवच, जिनसे पस्त हो गए पाकिस्तान के हौसले; चीन भी खाता है खौफ
भारत के पास पांच ऐसे सुरक्षा कवच हैं जिनसे पाकिस्तान के हौसले पस्त हो गए हैं। भारत ने कई सिस्टम को मोडिफाई कर दिया है जिनसे अब चीन भी खौफ खाता है।

'ऑपरेशन सिंदूर' की वजह से बौखलाया पाकिस्तान अब जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में आम जनता को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। घबराहट में वह सस्ती मिसाइलें और रॉकेट दाग रहा है। जम्मू, उधमपुर, सांबा, नगरोटा और पठानकोट में पाकिस्तान ने ड्रोन से हमले किए। हालांकि भारतीय डिफेंस सिस्टम से आसमान में ही रॉकेट और मिसाइलों को नेस्तनाबूत कर दिया गया। अमृतसर के कई गांवों में तबाह हुई मिसाइलों के टुकड़े पाए गए।
इजरायल के पास आत्मरक्षा के लिए आयरन डोम है। उसी तरह भारत के पास भी ऐसे सुरक्षा कवच हैं जिनसे पाकिस्तान ही नहीं चीन भी खौफ खाता है। आधुनिक हथियारों की वजह से भारत पर आसमान से हमला करना भी आसान नहीं है। वहीं पाकिस्तान के अंदर तक घुसकर भारत कई बार आतंकी ठिकानों को तबाह कर चुका है। पाकिस्तान शर्म की वजह से खुलकर अपने देश की तबाही को बता भी नहीं पा रहा है। आइए जानते हैं कि भारत के पास वे कौन से सुरक्षा कवच हैं जिनसे पाकिस्तान पस्त हो गया है।
S-400 सुदर्शन चक्रः एस-400 एक एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस से खरीदा गया है। भारत में इसका नाम पौराणिक ग्रंथ 'महाभारत' के सुदर्शन चक्र के नाम पर रख दिया गया है। यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को मार गिराता है। इसके अलावा यह 600 किलोमीटर दूर से ही खतरे को सूंघ लेता है। दुनिया के सबसे अच्छे सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम में इसकी गिनती होती है।
भारत के पास पांच एस-400 यूनिट मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं। चार साल पहले ही इसे पंजाब में एक्टिव किया गया था। पाकिस्तान और चीन की वजह से ही इसे एक्टिव किया गया है। इस सिस्टम से क्रूज मिसाइल, विमान और ड्रोन सब धराशायी हो जाते हैं। यह सिस्टम भारत की ओर आते हुए खतरे को भांपकर तत्काल मिसाइल दाग देता है। इसका निशाना एकदम पक्का होता है। इसी वजह से पाकिस्तान की एक भी मिसाइल भारत में थोड़ा भी नुकसान नहीं कर पाईं।
ZU-23mm सिस्टमः भारतीय सेना के पास दो बैरल वाली एंटी एयरक्राफ्ट गन है। इनसे आसानी से कम ऊंचाई में उड़ने वाले लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है। इसे अब रडार सिस्टम से भी जोड़ दिया जाता है।
काउंटर-यूएएस सिस्टमः भारत के काउंटर यूएएस सिस्टम मानवरहित सिस्टम और ड्रोन को तबाह करने में काम आते हैं। इसमें इल्केट्रो ऑप्टिकल सेंसर और रडार लगा होता है। इसके अलावा इसमें जैमर और डायेरेक्टेड-एनर्जी वेपन का भी इस्तेमाल होता है जो कि ड्रोन को नष्ट करने में काम आते हैं।
शिल्का सिस्टमः यह रडार से चलने वाला एंटी एयरक्राफ्ट वेपन सिस्टम होता है। इसमें 23 एमएम ऑटो कैनन का भी इस्तेमाल किया जाता है। एक ही बार में यह हवा में कई लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता रखता है। शिल्का सिस्टम को भारत ने मोडिफाई भी कर दिया है। अब यह आधुनिक हथियारों. मानवरहित विमानों और ड्रोन को गिराने में भी सक्षम है।
एल-70 गन- स्वीडन की बोफोर्स कंपनी की बनाई 40 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट गन तेजी से लक्ष्य को निशाना बना लेती है। भारत ने इन गनों को भी मोडिफाई करके और बेहतर बना दिया है।