बालू घाटों की नीलामी हुई भी तो चार माह नहीं होगा उठाव
झारखंड कैबिनेट ने धनबाद के कैटेगरी टू के बालू घाटों की जिलास्तर पर नीलामी का निर्णय लिया है, जिससे जल्द नीलामी की उम्मीद है। हालांकि, नीलामी के बाद भी अगले चार-पांच माह लोगों को लाभ नहीं मिलेगा।...

धनबाद, विशेष संवाददाता कैटेगरी टू के बड़े बालू घाटों को जिलास्तर पर नीलामी करने के झारखंड कैबिनेट के निर्णय से अब बालू घाटों की जल्द नीलामी के आसार हैं। वैसे बालू घाटों की नीलामी होने के बाद भी अगले चार-पांच माह लोगों को फायदा नहीं मिलेगा। मध्य जून से एनजीटी प्रतिबंध लग जाएगा। इसके बाद सितंबर तक बालू का उठाव नहीं हो पाएगा। यानी इस मानसून भी बालू तस्करों की चलेगी। बालू के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। धनबाद के कैटेगरी टू के नौ बालू घाटों की डीएसआर रिपोर्ट पहले ही तैयार कर जेएसएमडीसी को नीलामी के लिए भेज दी गई है।
अब जिलास्तर पर नीलामी के निर्णय से फाइल खनन विभाग को लौटायी जाएगी। धनबाद में ही नौ घाटों की नीलामी होगी। वैसे खनन विभाग के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट के निर्णय संबंधी पत्र आने के बाद ही बालू घाटों की नीलामी के बारे में कुछ कहा जा सकता है। अभी राज्य सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं है। मालूम हो कि धनबाद में कैटेगरी वन (पांच एकड़ से कम) के 16 बालू घाटों से बालू उठाव पंचायत स्तर पर पहले ही दिया गया है। कैटेगरी टू के नौ बालू घाट जिनका उठाव क्षेत्र पांच एकड़ से अधिक है, की नीलामी होनी है। इन्हीं घाटों से बालू का व्यावसायिक उठाव होता है। बरकार सहित जिले के सभी बालू घाट कैटेगरी टू में ही है। धनबाद जिले में कैटेगरी टू के बालू घाटों की नीलामी पिछले चार-पांच वर्ष से लंबित है। पिछले साल एनजीटी गाइडलाइन के आधार पर डीएसआर रिपोर्ट तैयार कर नीलामी के लिए जेएसएमडीसी को भेजा गया था। मानसून सीजन में निर्माण कार्य ज्यादा होते हैं। इस कारण बालू की मांग ज्यादा रहती है। पिछले कई वर्षों से धनबाद में मानसून सीजन में बालू की कीमत दोगुनी होती रही है। इस मानसून में भी बालू का टोटा दिखेगा। तस्कर ऊंची कीमत पर बालू बेचेंगे।
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