भाई की एक छोटी गलती ने बदली बहन की किस्मत, 10वीं में मिला 97% नंबर; भावुक कर देगी कहानी
चिन्मय ने रिजवान के परिवार से मिलने का फैसला किया। उनका घर खस्ताहाल था। रिजवान के पिता मजदूरी करते थे। तीसरी मंजिल से गिरने के बाद वह विकलांग हो गए थे।

Success Story: कभी-कभी एक छोटी सी गलती किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। ऐसा ही हुआ बेंगलुरु के कारोबारी और एथलीट चिन्मय हेगड़े के साथ, जब एक बैंक की गलती ने उन्हें एक ऐसी जिम्मेदारी सौंप दी जो अंततः एक परिवार के लिए वरदान बन गई। चिन्मय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा कि दो साल पहले उनके खाते में अचानक 50,000 रुपये एक विदेशी खाते से ट्रांसफर हुए। बैंक से पता चला कि यह रकम सऊदी अरब से एक व्यक्ति रिजवान द्वारा भेजी गई थी, लेकिन गलती से गलत खाते में चली गई।
चिन्मय ने बताया, “जब मैंने रिजवान से संपर्क किया तो वह फोन पर रो पड़ा। उसने कहा कि ये पैसे उसके परिवार के लिए हैं। उसने हाथ जोड़कर वापस करने के लिए विनती की। मैंने उसे आश्वासन दिया कि मैं उसकी मदद करूंगा।”
चिन्मय ने रिजवान के परिवार से मिलने का फैसला किया। उनका घर खस्ताहाल था। रिजवान के पिता मजदूरी करते थे। तीसरी मंजिल से गिरने के बाद वह विकलांग हो गए थे। रिजवान ने 92% अंकों के साथ B.Com पूरा किया था और विदेश जाकर परिवार को सहारा देने लगे थे। उसकी छोटी बहन कभी एक प्राइवेट स्कूल में टॉपर थी। फीस न चुका पाने के कारण सरकारी स्कूल में चली गई थी।
जब चिन्मय ने यह कहानी अपने पिता को सुनाई, तो वे भावुक हो उठे। अगली ही सुबह उन्होंने रिजवान से कहा कि चलो उनसे मिलते हैं। उन्होंने छात्रा की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का निर्णय लिया। स्कूल की फीस उसी दिन भर दी गई और चिन्मय को हर महीने हालचाल लेने की जिम्मेदारी दी गई।
कर्नाटक बोर्ड के 10वीं के नतीजे आने पर रिज़वान की बहन ने 97% अंक प्राप्त किए। भावुक होकर उसने सबसे पहले चिन्मय को फोन कर कहा, “मैंने अपने असली भाई से पहले आपको फोन किया। आप मेरे सच्चे भाई जैसे हैं।”
चिन्मय ने लिखा, “मैं अपने जज्बाच बयान नहीं कर सकता। एक गलती कैसे किसी के लिए वरदान बन गई। यह मैंने पहली बार महसूस किया।” उनके इस पोस्ट को अब तक 4.8 लाख से ज्यादा बार देखा गया।