अगर-मगर कर रहा तहव्वुर राणा, नहीं दे रहा सवालों के जवाब; सिर्फ 3 घंटे क्यों हुई पूछताछ?
- तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर दिल्ली लाया गया और अदालत के आदेश पर उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय लाया गया

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ तो शुरू हो गई है, लेकिन अब तक वो जांच एजेंसी के सवालों से कन्नी काट रहा है। सूत्रों के मुताबिक, राणा एनआईए के अफसरों से सहयोग नहीं कर रहा है और हर सवाल पर या तो चुप्पी साध रहा है या गोलमोल जवाब दे रहा है। शुक्रवार को जब उसे पहली बार एनआईए मुख्यालय लाया गया, तो उससे महज तीन घंटे की पूछताछ ही हो सकी। इसमें में भी उसने अधिकांश सवालों का जवाब 'पता नहीं' में दिया।
दरअसल, राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर दिल्ली लाया गया और अदालत के आदेश पर उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह उसे सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय लाया गया, जहां उसे कड़ी सुरक्षा के बीच हाई-सिक्योरिटी कोठरी में रखा गया है। चौबीसों घंटे निगरानी के साथ उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। हालांकि, पूछताछ की रफ्तार फिलहाल धीमी ही दिख रही है।
एनआईए की उपमहानिरीक्षक और केस की मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय इस पूछताछ का नेतृत्व कर रही हैं। एनआईए ने साफ किया है कि आने वाले दिनों में राणा से विस्तार से पूछताछ कर 2008 के हमलों की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने की कोशिश की जाएगी। लेकिन शुरुआती रवैये से एजेंसी के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा है।
राणा से क्या सवाल कर रही एनआईए
राणा से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ उसके संदिग्ध संबंधों पर सवाल किए जा रहे हैं। लेकिन हर बार वो या तो बात घुमा देता है या कहता है कि उसे कुछ याद नहीं।
गौरतलब है कि राणा 26/11 के प्रमुख साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली का करीबी रहा है, जिसने पहले ही राणा की भूमिका को लेकर कई अहम खुलासे किए थे। जांच एजेंसी को शक है कि राणा की भारत यात्रा के दौरान वो कुछ और शहरों को निशाना बनाने की साजिश में शामिल रहा है। नवंबर 2008 में उसने अपनी पत्नी के साथ हापुड़, आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई का दौरा किया था।
गुरुवार को किया था कोर्ट में पेश
यह पूछताछ ऐसे वक्त हो रही है जब एनआईए की कमान उस अफसर के हाथ में है जो खुद 26/11 हमलों के दौरान मुंबई में तैनात थे। आईपीएस सदानंद वसंत दाते हमलों के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अजमल कसाब और अबू इस्माइल जैसे आतंकियों से मोर्चा लिया था। आज वही अफसर उस हमले की परतें खोलने वाली एजेंसी का नेतृत्व कर रहे हैं। एनआईए ने अदालत में बताया कि राणा पर शक है कि वह भारत में 26/11 जैसे और हमलों की साजिश में शामिल था। अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में भेजते हुए हर 24 घंटे में मेडिकल जांच और हर दूसरे दिन वकील से मिलने की इजाजत देने का आदेश भी दिया है।